झारखंड सीएम हेमंत सोरेन मुसीबत के दौर से गुजर रहे हैं। अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम हेमंत सोरेन पर शिकंजा कस दिया है। झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को अवैध खनन और जबरन वसूली से संबंधित धनशोधन रोकथाम मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा, हेमंत सोरेन को गुरुवार को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। उन्हें कल सुबह 11 बजे तक हमारे रांची कार्यालय में पेश होना होगा।
ईडी ने इस मामले में मुख्यमंत्री के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बरहेट स्थित उनके प्रतिनिधि पंकज मिश्र को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया है। ईडी ने पंकज मिश्र के खिलाफ दायर चार्जशीट में उसे मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया है। माना जा रहा है कि उससे हुई पूछताछ और अवैध खनन के सिलसिले में 20 से भी ज्यादा ठिकानों पर ईडी की रेड से उजागर हुए तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के पुलिस आयुक्त को भी पत्र लिखकर पूछताछ से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया। चार्जशीट पर कोर्ट पहले ही संज्ञान ले चुकी है।
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू
प्रवर्तन निदेशालय ने पंकज मिश्रा, बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को इसी साल 8 जुलाई गिरफ्तार किया था। आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में बरहरवा पुलिस स्टेशन, साहेबगंज जिला, झारखंड में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
अवैध खनन के संबंध में कई प्राथमिकी दर्ज
प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम के तहत अवैध खनन के संबंध में कई प्राथमिकी भी दर्ज की है। अब तक, ईडी ने इस मामले में अवैध खनन से संबंधित अपराध की 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की आय की पहचान की है।
ईडी ने पंकज मिश्रा के न्यायिक हिरासत में रिम्स में भर्ती रहने के दौरान फोन पर अधिकारियों से बात करने और मुख्यमंत्री के नाम पर उन्हें डराने का मामला भी पकड़ा था। ईडी ने साहिबगंज में अवैध खनन की जांच के दौरान इस बात के भी सबूत जुटाये हैं कि पंकज मिश्रा व उसके सहयोगी अवैध खनन के मामले में जिले के अधिकारियों को मुख्यमंत्री का नाम लेकर डराते थे।
ईडी को मिला पंकज मिश्रा के घर से लिफाफा
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, मुख्यमंत्री के नाम पर राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोका जाता था। साहिबगंज में छापेमारी के दौरान ईडी को पंकज मिश्रा के घर से एक लिफाफा मिला था। इसमें मुख्यमंत्री के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक था। इसमें से दो चेकबुक हस्ताक्षरित थे। हालांकि, इसमें राशि का उल्लेख नहीं किया गया था।
आगे की जांच जारी है
ईडी ने आगे बताया, पंकज मिश्रा साहेबगंज में विभिन्न खनन स्थलों पर स्थापित स्टोन चिप्स और बोल्डर के खनन के साथ-साथ कई क्रेशरों की स्थापना और संचालन पर नियंत्रण रखता है। पंकज मिश्रा के अर्जित 42 करोड़ रुपए की आय की अब तक पहचान की जा चुकी है। आगे की जांच जारी है।
खनन सचिव पूजा सिंघल भी गिरफ्तार
ईडी ने इसके पहले मनरेगा घोटाले के जरिए मनी लांड्रिंग में झारखंड की सीनियर आईएएस खनन सचिव पूजा सिंघल को भी गिरफ्तार किया था। उनसे जुड़े सीए सुमन कुमार के ठिकाने से 17.49 करोड़ नकद मिले थे। ईडी को जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली थी कि इसमें अवैध खनन से मिली राशि भी शामिल है। पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री से इन सभी मुद्दों से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं।
कई बड़े अफसरों से भी हो सकती है पूछताछ
ईडी कुछ बड़े अफसरों को भी नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुला सकता है। गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूछताछ के दौरान इन अफसरों के नाम सामने आये थे। सूचना है कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की ओर से हिनू एयरपोर्ट रोड स्थित कार्यालय की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई है।
यह बदले की राजनीति है : जेएमएम
ईडी की ओर से भेजे गए समन पर जेएमएम के मनोज पांडे ने कहा कि, ईडी अपना काम करेगी। अन्याय होने पर हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। पता नहीं ईडी सीएम को तलब कर सकती है क्या? अगर ऐसा है, तो सीएम कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद जवाब देंगे। क्या उन आरोपों के लिए उन्हें समन करना कानूनी है? अगर ऐसा है तो कई मामलों में पीएम को भी तलब किया जाना चाहिए। यह बदले की राजनीति है।