राजस्थान में शनिवार (24 दिसंबर, 2022) सुबह एक पेपर लीक हो गया, जिसके बाद राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन (आरपीएससी) ने सेकेंड ग्रेड टीचर 2022 के लिए प्रतियोगी परीक्षा को कैंसल कर दिया। आरपीएससी सेकेंड ग्रेड का यह पेपर परीक्षा होने से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
इस बीच, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक बस कुछ अभ्यर्थियो को आरपीएससी सेकेंड ग्रेड का पेपर दिलाने जा रही थी, जिसके बाद स्पेशल ऑपरेंश ग्रुप (एसओजी) ने जांच शुरू की और बकेरिया पुलिस थाने के पास गाड़ी तैनात कर पेपर मैच कराए। फिलहाल इस मामले में उदयपुर पुलिस ने 44 लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि उनसे पूछताछ जारी है। सूत्रों की मानें तो अधिकतर आरोपी सिरोही और जालोर जिले के हैं, जबकि मास्टरमाइंड जोधपुर का है। हालांकि, इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पेपर सॉल्व कराने को डॉक्टर भी था साथ
जो लोग दबोचे गए हैं, उन्हें सूबे का अब तक का सबसे हाईटेक नकल माफिया गिरोह बताया गया। सूत्रों के मुताबिक, माउंट आबू हाईवे के पास अभ्यर्थियों को ले जाया गया था, जहां उनसे पेपर सॉल्व कराया गया। बायोलॉजी का पेपर सॉल्व कराने के लिए एमबीबीएस डॉक्टर भी था। ये लोग रात को पेपर सॉल्व कर परीक्षा देने वापस उदयपुर आ रहे थे। पुलिस ने नाकाबंदी कर बस और तीन चार गाड़ियों को पकड़ा। सभी से सॉल्व्ड पेपर मिले। मुख्य सरगना और उसके सहयोगी के साथ दर्जनों अभ्यर्थी पुलिस की हिरासत में हैं।
‘गहलोत सरकार ईमानदारी से पेपर कराने में नाकाम’
भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने इस पर गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा कि राजस्थान की सरकार का नाम तो गिनीज बुक के अंदर आना चाहिए। यह सरकार इतने रिकॉर्ड बना चुकी है कि शायद ही कोई सरकार इनके रिकॉर्ड को तोड़ पाएगी। आज राजस्थान के अंदर एक भी भर्ती ऐसी नहीं है, जो पूर्ण ईमानदारी के साथ पूरी करवाई गई हो। आज फिर द्वितीय श्रेणी शिक्षक परीक्षा का पेपर लीक हुआ है और इसके लीक होने के साथ ही यह भी साबित हो गया कि राजस्थान की सरकार ईमानदारी के साथ परीक्षा कराने में नाकाम है।