सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की जेल से रिहाई पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर कोर्ट ने 8 हफ्ते बाद सुनवाई करने की बात कही है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई थी सजा
लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 में मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले पर राजनीति गरमाने के बाद इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। जांच के दौरान अमरमणि पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे तो मामले को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट शिफ्ट किया गया, जहां जांच एजेंसी ने अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार दिया।
अच्छे आचरण के कारण माफ हुई सजा
मामले में सुनवाई करते हुए देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को पूर्व मंत्री अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि समेत उनके भतीजे रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फिलहाल अब 20 साल सजा काटने के बाद उनके अच्छे आचरण को देखते हुए उनकी बची हुई सजा को माफ कर दिया गया है। इसी के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी और रिहाई पर रोक लगाने को कहा था.