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संसद में निकम्मा, जुमलाजीवी और कोविड स्प्रेडर जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर लगी रोक

संसद की कार्यवाही के कई शब्दों को अब असंसदीय शब्दों की कैटेगरी में शामिल किया गया है। ऐसे में अब अगर सांसद जुमलाजीवी, तानाशाह, निकम्मा जैसे शब्दों का संसदीय कार्यवाही के दौरान इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इन शब्दों को या इन शब्दों से जुड़े संबोधन को संसद की कार्यवाही से ही हटा दिया जाएगा।

वहीं सरकार के इस फैसले के बाद एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। कई शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में शामिल किए जाने पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मोदी सरकार पर तंज कसा है। संसद में सांसदों की भाषा को लेकर मोदी सरकार की ओर से अहम कदम उठाया गया है। मर्यादित भाषा के लिहाज से कई शब्दों को अब असंसदीय श्रेणी में शामिल किया गया है।

सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को लेकर राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया दी है। रिएक्शन के जरिए नेताओं ने मोदी सरकार पर तंज कसा है।

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। खास बात यह है कि इस गाइडलाइन के जारी होने के बाद राजनीतिक पारा भी हाई हो गया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। दोनों ही नेताओं ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा।

क्या बोली टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा?

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने गाइडलाइन जारी होने के बाद 14 जुलाई को ट्वीट किया है। महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘बैठ जाएं, बैठ जाइए, प्रेम से बोलें।

लोकसभा और राज्यसभा की नई असंसदीय शब्दों की सूची में संघी शब्द शामिल नहीं है। मूल रूप से सरकार ने विपक्ष की ओर से यूज किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह काम किया है। किस तरह बीजेपी भारत को नष्ट कर रही है और उन पर प्रतिबंध लगा रही है।’
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी साधा निशाना
टीएमसी सांसद के अलावा शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नई गाइडलाइन को लेकर आपत्ति जताई है। तंज भरे लहजे में प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट के जरिए पुराने मीम का जिक्र किया। उन्होंने लिखा- ‘यह पुराना मीम याद आ गया, अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह! यह पॉपुलर मीम अब सच्चाई होती नजर आ रही है।

संसद में इन शब्दों को माना गया असंसदीय

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुकलेट में एक लिस्ट जारी की गई है। इसके तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों की एक सूची बनाई गई है, जिन्हें लोकसभा और राज्यसभा समेत राज्यों की विधानमंडलों में असंसदीय घोषित किया गया था। इस लिस्ट में शामिल शब्दों और वाक्यों को ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया।

अब सांसद संसदीय कार्यवाही के दौरान- जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, निकम्मा, भ्रष्ट, तानाशाही, जयचंद, शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिट्ठू जैसे शब्दों को दोनों सदनों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

अंग्रेजी के शब्द भी शामिल
इस सूची में अंग्रेजी के शब्द ‘ashamed’, ‘abused, ‘betrayed’, ‘corrupt’, ‘drama’, ‘hypocrisy’ और ‘incompetent’ शामिल हैं।

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