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दुनियाभर में फिर से तबाही मचा रहा है कोरोना! जानिए बूस्टर डोज कितनी जरूरी?

दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है. चीन में कोविड की वजह से हालात काफी भयंकर हो चुके हैे. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. मौतों के मामलों में भी इजाफा हो रहा है. चीन के अलावा अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया में भी वायरस पैर पसार रहा है. एक्सपर्ट्स की आशंका है कि चीन की तरह ही जल्द ही दुनिया के कई देशों में कोविड का आउटब्रेक हो सकता है. ऐसे मे अब सतर्क रहने की जरूरत है.

इस बीच यह भी सवाल उठता है कि क्या अब लोगों को कोविड से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगवानी चाहिए? आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या काफी कम है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, किसी भी बड़े राज्य में बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक नहीं है. 18 से 45 साल के आयु वर्ग में तीसरी खुराक लेने वालों का आंकड़ा 40 फीसदी से भी कम है. लेकिन अब जब कोविड फिर से पैर पसार रहा है तो क्या लोगों को तीसरी डोज लेनी चाहिए? ऐसे सवालों का जवाब जानने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.

ये लोग जरूर लगवा लें बूस्टर डोज

नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स) में क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ युद्धवीर सिंह ने TV9 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को बूस्टर डोज लगवा लेनी चाहिए. ऐसे लोगों को कोविड से खतरा हो सकता है.

डॉ सिंह कहते हैं कि चीन में कोविड से हालात काफी खराब हो चुके हैं. ऐसे में अन्य देशों में भी कोविड के केस बढ़ने का खतरा है.भारत में भी कुछ समय बाद इसके केस बढ़ सकते है. हालांकि यहां चीन जैसे हालात नहीं होंगे, लेकिन फिर भी सावधानी बरतनी काफी जरूरी है. इसलिए इन लोगों को सलाह है कि वे बूस्टर डोज जरूर लगवा लें.

कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वैक्सीन से नुकसान हो रहा है

इस सवाल के जवाब में डॉ सिंह का कहना है कि ऐसी कोई स्टडी नहीं है जिसमें वैक्सीन के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया है. वैक्सीन लगने से ही भारत में कोविड की तीसरी लहर काफी हल्की रही थी. इसलिए ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. फिलहाल जरूरी ये है कि लोग कोरोना को लेकर अब अलर्ट रहें. मास्क लगाना फिर से शुरू कर दें.

सरकार के लिए जरूरी है कि सभी एयरपोर्ट पर सर्विलांस बढ़ा दिया जाए. साथ ही वैक्सीनेशन को लेकर भी लोगों को जागरूक करें. इसके लिए टीवी और अखबार का सहारा लिया जा सकता है. डॉ सिंह का कहना है कि वायरस का खतरा दुनियाभर में फिर से बढ़ सकता है. अभी अगर सावधानी बरत ली तो भविष्य में किसी बड़े खतरे से बचाव हो जाएगा.

महानगरों में खास निगरानी की जरूरत

डॉ युद्धवीर सिंह का कहना है कि देश के महानगरों में कोविड सबसे पहले पांव पसारता है. ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन अब सतर्क रहे. अगर कोविड का कोई नया केस मिल रहा है तो अन्य लोगों की ट्रेसिंग करें. अब फिर से समय आ गया है कि ट्रेकिंग, ट्रेसिंग और सर्विलांस को बढ़ा दिया जाए.

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