Breaking News

डॉक्टरों ने 20 साल पहले किया ‘कांड’, मरीज के पेट में छोड़ी थी सुई, अब मिलेगी लापरवाही की ‘सजा’

डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है. डॉक्टर कई बार ऐसे मरीजों को भी बचा लेते हैं जिनके अपने उनकी बचने की उम्मीद छोड़ देते हैं. लेकिन कई केसों में डॉक्टर की लापरवाही मरीजों की जान के लिए खतरा बन जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ कर्नाटक के बेंगलुरु निवासी एक महिला मरीज के साथ. डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन करते समय सर्जिकल सुई उसके पेट में ही छोड़ दी. डॉक्टरों की लापरवाही से अंजान पीड़ित महिला 6 साल तक दर्द सहती रही. जब वह सच्चाई से रूबरू हुई तो उसने शिकायत उपभोक्ता फोरम में की.20 साल बाद महिला को इंसाफ मिला और इस केस से जुड़े दो डॉक्टरों को जुर्माने हुआ है. कर्नाटक राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने दीपक अस्पताल के दो डॉक्टरों को जयनगर निवासी पद्मावती नामक महिला को कानूनी खर्च के रूप में 50 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. साथ ही जिस बीमा कंपनी ने अस्पताल के खर्चों के लिए पॉलिसी जारी की थी, उसे पीड़ित महिला को ‘पेशेवर और चिकित्सीय लापरवाही’ के लिए पांच लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया है.

20 साल पहले डॉक्टरों की लापरवाही
बेंगलुरु निवासी पद्मावती ने 29 सितंबर साल 2004 को दीपक अस्पताल में ऑपरेशन कराया था. उस वक्त पद्मावती की उम्र 32 साल की थी. दरअसल, उन्हें अपेंडिक्स की शिकायत थी. उनका आरोप है कि उन्होंने बेंगलुरु के दीपक अस्पताल में अपेंडिक्स का ऑपरेशन कराया था. अस्पताल के दो डॉक्टरों ने अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया था. सर्जरी के बाद अपेंडिक्स को हटा दिया गया. लेकिन पद्मावती ने डॉक्टरों को बताया कि ऑपरेशन के अगले दिन उन्हें बहुत तेज दर्द हो रहा था. डॉक्टरों ने उसे कुछ दर्द निवारक दवाएं दे दी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ऑपरेशन से होने वाली परेशानी कुछ भी नहीं है. यहां तक ​​कि डॉक्टरों द्वारा दी गई दर्द निवारक दवाएं भी उसके दर्द को कम नहीं कर सकीं

2010 में दोबारा हुआ ऑपरेशन

पद्मावती कई वर्षों से गंभीर पेट और पीठ दर्द सहन करती रही, उन्हें दो बार एक ही अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि, अस्पताल के डॉक्टरों को यह पता नहीं चला कि उसके साथ क्या समस्या थी. समस्या का समाधान न होने पर पद्मावती ने साल 2010 में एक अन्य स्थानीय निजी अस्पताल से संपर्क किया. स्कैन से पता चला कि उसके पेट के पिछले हिस्से में सर्जिकल सुई थी. डॉक्टरों ने इसे हटाने के लिए कहा गया था. उसका दोबारा ऑपरेशन किया गया और 3.2 सेमी सर्जिकल सुई निकाल दी गई.

उपभोक्ता फोरम ने लगाया जुर्माना
इसके बाद पद्मावती ने दीपक हॉस्पिटल में ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों के बारे में जानकारी देते हुए तमाम सबूतों के साथ उपभोक्ता फोरम में शिकायत की. फोरम ने कहा कि जब सर्जरी की गई और सर्जिकल सुई पेट में छोड़ी गई, तो शिकायतकर्ता की उम्र लगभग 32 साल थी. तब से लेकर अब तक, जब तक उसकी सर्जरी नहीं हुई और सुई नहीं निकाली गई, उसे गंभीर दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ा. महिला की परेशानी को ध्यान में रखते हुए उन्हें पांच लाख रुपये वैश्विक मुआवजे के रूप में बीमा कंपनी को राशि का भुगतान करने का आदेश दिया गया. इसके अलावा, लापरवाही बरतने वाले दो डॉक्टरों पर 50 हजार रुपये मुकदमे का खर्च अदा करने का आदेश दिया गया.

About Dainik Bharat Live

Check Also

कोयला चुनने के दौरान 50 वर्षीय महिला की हुई मौत

झरिया। घनुडीह ओपी अंतर्गत चीन कोठी निवासी दारा रजवार की 50 वर्षीय पत्नी कुसुम देवी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *