टोक्यो ओलंपिक में भारत की महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को पराजित करने वाली वालेंसिया के खिलाफ निकहत पूरी तैयारी से रिंग में उतरी थीं। निकहत ने पहले दो राउंड में आक्रामण किया और फिर उन्होंने बचाव किया। सर्वसम्मत फैसले से जीत मिलना निकहत के कौशल और शारीरिक फिटनेस को दिखाता है और तेलगांना की इस मुक्केबाज को फाइनल में पहुंचने के लिए पांच मुकाबले लड़ने पड़े।तकनीकी रूप से दक्ष मुक्केबाज से भिड़ने पर और बेहतर करती हूं:
निकहत जरीननिकहत जरीन ने कहा, ‘आज का मुकाबला सर्वश्रेष्ठ रहा। मुझे लगता है कि जब मैं तकनीकी रूप से दक्ष मुक्केबाज से भिड़ती हूं तो बेहतर करती हूं। मैं पहले भी उसके खिलाफ खेली हूं और वह काफी अनुभवी मुक्केबाज है।’ अब स्वर्ण पदक के लिए निकहत का सामना वियतना की दो बार की एशियाई चैंपियन एनगुएन थि ताम से होगा। इससे पहले नीतू गंघास और अलुआ बाल्कीबेकोवा के बीच मुकाबला पिछले साल के क्वार्टर फाइनल जैसा ही था। इसमें राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन नीतू और बाल्कीबेकोवा ने पहले दौर में एक दूसरे पर जमकर मुक्के जड़े।
हालांकि, कजाकिस्तान की मुक्केबाज ज्यादा हावी रहीं जिससे पहला राउंड 3-2 से उनके नाम रहा।दूसरे राउंड में नीतू ने मजबूत वापसी करते हुए दमदार ‘हुक्स’ और ‘जैब्स’ जड़े। दोनों मुक्केबाज एक दूसरे को जकड़ने की कोशिश करती रहीं लेकिन नीतू इस राउंड को अपने नाम करने में सफल रहीं। अगले तीन मिनट काफी तनावपूर्ण रहे, जिसमें नीतू ने पिछले चरण की रजत पदक विजेता बाल्कीबेकोवा से बेहतर प्रदर्शन किया जिससे मुकाबले का ‘रिव्यू’ किया गया और उन्हें विजेता घोषित किया गया।
पिछली बार दूर से खेलने के कारण अलुआ बाल्कीबेकोवा से हार गईं थी नीतू गंघासनीतू गंघास इस्तांबुल में इस मुक्केबाज से पिछली भिड़ंत में हार गईं थीं। नीतू गंघास ने कहा, ‘मैं पिछली बार दूर से खेली थी, इसलिए मैं उबर नहीं पाई थी। इस बार मैं काफी करीब से खेली। मैंने अब काफी सुधार किया है जो दिख रहा है।’
नीतू ने कहा, ‘पहले मैं दूर से जवाबी हमले करती थी लेकिन अब मैं परिस्थितियों के अनुसार खेल सकती हूं।’ नीतू का सामना अब शनिवार को एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुतसाईखान अल्टांटसेतसेग से होगा।