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भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस DY चंद्रचूड़ ने ली शपथ

भारत को आज 50वां मुख्य मुख्य न्यायधीश मिला। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बने। वो भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) कहलाएंगे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्य न्यायधीश के पद पर जस्टिस चंद्रचूड़ करीब दो साल तक रहेंगे। उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक समाप्त होगा।

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ मुख्य न्यायधीश यू.यू ललित का स्थान लेंगे। यू.यू. ललित ने ही अपने उत्तराधिकारी के रूप में चंद्रचूड़ को नामित किया था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायमूर्ति यू.यू. ललित के उत्तराधिकारी के रूप में उनके कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह उनके द्वारा शुरू किए गए ‘अच्छे कामों’ को जारी रखेंगे।

अपने पिता वाईवी चंद्रचूड़ के फैसलों को पलट चुके हैं डीवाई चंद्रचूड़

मालूम हो कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ भी देश के मुख्य न्यायधीश रह चुके हैं। देश के 16वें चीफ जस्टिस रहे वाईवी चंद्रचूड़ के नाम पर सबसे लंबे समय तक मुख्य न्यायधीश रहने का रिकॉर्ड है। वो सात साल और चार महीने तक प्रधान न्यायाधीश रहे थे। जस्टिस डीआई चंद्रचूड़ अपने पिता वाईवी चंद्रचूड़ के दिए कई फैसलों को पलट चुके हैं। जिसमें आपातकाल में व्यक्ति की स्वतंत्रता और आईपीसी की धारा 497 को असंवैधानिक करार देना शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे चंद्रचूड़

मालूम हो कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त हुए थे। सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। इससे पहले वह बॉम्बे हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय राजधानी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स करने के उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया और अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।

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