सोमवार से रिटेल में बिकने वाली कई खाद्य वस्तुएं महंगी होने जा रही हैं। इस बारे में रविवार को देर रात एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है। अब पहले से पैक और लेबल वाले वहीं खाद्य पदार्थ जैसे आटा, दाल, पनीर और दही आदि वही खाद्य पदार्थ महंगे होंगे जिनकी पैकिंग 25 किलो से कम है, उन पर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा।
25 किलो से अधिक पैकिंग वाले खाद्य पदार्थों जीएसटी देय नहीं होगा। यानी रिटेल कारोबारी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं जबकि थोक कारोबारी जीएसटी के दायरे में नहीं हैं। देर रात जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि थोक में बिकने वाले खाद्य पदार्थ, अगर वो 25 किलो से अधिक की पैकिंग पर है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
जीएसटी एक्सपर्ट जतिन हरजाई ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की ब्रीफिंग में भी यही कहा गया था कि 25 किलो से कम के प्री-पैक्ड, प्री लेवल्ड सामान पर ही जीएसटी देय होगा। अब इसका नोटिफिकेशन जारी कर इस बारे में भ्रम दूर कर दिया गया है।
बता दें, प्री-पैक्ड और प्री लेवल्ड अनाजों पर जीएसटी लगाए जाने का थोक कारोबारी भारी विरोध कर रहे थे और शनिवार 16 जुलाई को इसके विरोध में पूरे देश में मंडियों को बंद रखा गया था। भारत उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि पूरे भारत में मंडियों का इस तरह से बंद रखे जाने का यह पहला उदाहरण था।
गुप्ता ने बताया ने कि सरकार ने थोक में पैकेट बंद या बोरी बंद अनाजों पर अब जीएसटी हटा लिया है। लेकिन रिटेल कारोबारियों को अब भी राहत नहीं मिली है।
1000 रुपए से कम के होटल के कमरों पर भी लगेगा जीएसटी
इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है। साथ ही 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। यहां भी अब तक कोई जीएसटी नही था।
जीएसटी परिषद ने लिया था कर बढ़ाने का फैसला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आ गए हैं। इसी प्रकार, टेट्रा पैक खाद्य जैसे दही या जूस और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
खुले में बिकने वाले सामानों पर नहीं लगेगा जीएसटी
खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं।
सौर वॉटर हीटर भी हो जाएंगे महंगे
सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था। सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों (Job Work) पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अबतक 12 प्रतिशत था। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत थी।
यहां कम की गई जीएसटी
ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है। बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी’ श्रेणी तक सीमित होगी। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान, कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा। बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा