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RBI ने बैंकों से मांगी अडानी ग्रुप को दिए कर्ज की जानकारी, संसद में हंगामा, FPO रद्द होने से और शेयर गिरे

अमरीकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से भारत के मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडानी की स्थिति खराब है। अडानी की कंपनियों के शेयर में काफी गिरावट आई है। जिस कारण अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के नेटवर्थ में भी काफी कमी आई है। रिपोर्ट सामने से पहले गौतम अडानी दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे। लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद उनकी कंपनी के शेयर में जारी गिरावट के दौर से गौतम अडानी अब टॉप-10 की लिस्ट से बाहर हो चुके हैं। उनके सिर से भारत के नंबर-1 अमीर होने का ताज भी छीन चुका है। इस बीच बुधवार रात अडानी ग्रुप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जानकारी दी कि वो अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) के लिए जारी 20 हजार करोड़ का फॉल-ऑन पब्लिक ऑफर यानी कि (FPO) को रद्द कर दिया है। अडानी ग्रुप की ओर से बताया गया कि एफपीओ को कैंसिल कर दिया गया है। उसमें लगाए गए निवेशकों के पैसे वापस किए जाएंगे। अब अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने एक वीडियो मैसेज में एफपीओ को रद्द किए जाने के कारणों की जानकारी दी है।

RBI ने बैंकों से मांगी अडानी को दिए कर्ज की जानकारी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज की जानकारी मांगी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी है। एजेंसी ने बताया कि आरबीआई के अफसरों ने इस पर कमेंट्स करने से इनकार कर दिया।हालांकि, बिना नाम बताए यह जानकारी दी है।

FPO रद्द होने से शेयर में और गिरावट

दूसरी ओर अंबानी इंटरप्राइजेज का 20 हजार करोड़ का एफपीओ रद्द किए जाने के बाद से अंबानी की कंपनियों के शेयर और गिर रहे है। फुली सबस्क्राइब्ड FPO के रद्द होने के बाद ग्रुप के शेयर्स में गुरुवार को 10% तक गिरावट देखी जा रही है।

अडानी के मुद्दे पर संसद में भी हंगामा

बजट सत्र में दूसरे दिन गुरुवार को अडानी के मसले पर संसद में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी गौतम अडानी को लेकर जारी हुई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर जानकारी मांग रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि LIC, SBI सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए।

मेरे लिए निवेशकों का हित सर्वोपरिः गौतम अडानी

वीडियो मैसेज में गौतम अडानी ने कहा कि पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO को वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम समय पर क्रियान्वयन पर ध्यान देना जारी रखेंगे।

बाजार में स्थिरता आने के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे

गौतम अडानी ने आगे कहा कि बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी और बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे। हमारा ईएसजी पर खासा फोकस है और हमारा हर बिजनेस जिम्मेदार तरीके से वैल्यू क्रिएट करता रहेगा। हमारे गवर्नेंस सिद्धांतों का सबसे मजबूत सत्यापन, हमारी कई अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों से आता है। मालूम हो कि अडानी ग्रुप ने प्रेस रिलीज जारी कर एफपीओ रद्द किए जाने और निवेशकों को पैसा लौटने की जानकारी दी थी।

27 फरवरी को अडानी ने जारी किया था एफपीओ

उल्लेखनीय हो कि 27 जनवरी को गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ का फंड जुटाने के लिए एफपीओ जारी किया था। उसी समय हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर में सुनामी आई। जिससे अडानी को अरबों का नुकसान हुआ। शेयर बाजार में मची उथलपुथल के बीच अडानी ने एफपीओ को रद्द करने का फैसला लिया है।

जानिए क्या होता है FPO?

फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) किसी कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका होता है। जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है, वो इन्वेस्टर्स के लिए नए शेयर ऑफर करती है। ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं। एफपीओ में निवेशक पैसा लगाते है, जिससे संबंधित कंपनी फंड जेनरेट करती है।

 

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