जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला (Dr. Farooq Abdullah) ने नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पार्टी की कमान युवाओं की अगली पीढ़ी को सौंपी जाए। अब पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसके लिए 5 दिसंबर को चुनाव होगा। इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कोई भी नेता नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष (National Conference President) पद के लिए चुनाव लड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी लोकतंत्र पर यकीन रखती है।
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना के बीच फारूक अब्दुल्ला के इस कदम ने सभी को चौंका दिया है। उन्होंने जेकेएनसी (जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस) के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ने के अपने फैसले के बारे में अपने सहयोगियों को सूचित किया है। पार्टी के एक बयान में कहा गया कि उनके सहयोगियों द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद अब्दुल्ला ने अपना निर्णय नहीं बदलने का फैसला किया है।
इसमें कहा गया, “इस अचानक घोषणा ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। पार्टी संविधान के अनुसार, पार्टी महासचिव को अगले अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने का काम सौंपा गया है, जो 5 दिसंबर को पूरा होगा। उस समय तक अब्दुल्ला पार्टी के अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे।”
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था। इस महीने की शुरुआत में, फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि उनकी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेस चुनाव के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “स्थिति कभी अनुकूल नहीं रही, लेकिन फिर भी जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए। 2014 में, जब कश्मीर में बड़ी बाढ़ आई थी, चुनाव स्थगित करने के अनुरोध के बावजूद, योजना के अनुसार चुनाव हुए थे।” वे हाल ही में “मतदाता सूची में गैर-स्थानीय लोगों” को शामिल करने के विवाद के बीच विपक्ष के अन्य सदस्यों के साथ बैठकें कर रहे थे। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तारीखें तय नहीं की हैं, लेकिन इस बात के पर्याप्त संकेत हैं कि चुनाव अगले साल की शुरुआत में हो सकते हैं।