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सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी, 50 फीसदी बढ़ सकता है डीए

8वें वेतन आयोग को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है. इसका कारण भी है. अगले साल तक 7वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ता 50 फीसदी तक हो सकता है. ऐसे में रेलवे सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 1 जनवरी 2024 से 8वें वेतन आयोग की स्थापना करने का आग्रह किया है. रेलवे सोसायटी के अनुसार महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की दर अगले साल 50 फीसदी से ऊपर जाने की उम्मीद है. आरएससीउब्ल्यूएस ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक नए वेतन आयोग की जरुरत पर अपने विचारों को भी शेयर किया.

ऐसे लागू हुआ था 7वां वेत आयोग
आरएससीउब्ल्यूएस ने कहा कि केंद्रीय वेतन आयोगों के बीच 10 सालों के लंबे अंतराल के कारण केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स पिछले 70 सालों से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे. आरएससीउब्ल्यूएस ने अपने मेमोरेंडम में सरकार से कहा कि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग ने फरवरी 2017 में अपनी रिपोर्ट सामने रखी थी और इसके एग्जीक्यूशन के आदेश जुलाई और अगस्त 2017 में इस प्रावधान के साथ जारी किए गए थे कि रिवाइज्ड सैलरी के एरियर का पेमेंट 1 जनवरी 2016 से किया जाएगा. आरएससीउब्ल्यूएस ने आगे कहा कि 7वें वेतन आयोग ने न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये के बजाय 18,000 रुपये निर्धारित किया था और फिटमेंट फैक्टर को 3.15 के बजाय 2.57 के रूप में “गलत तरीके से प्रस्तावित” किया था.

जनवरी में 50 फीसदी से ज्यादा से हो सकता है महंगाई भत्ता
इससे पहले, 5वें और 6वें वेतन आयोग ने सैलरी रिविजन को 10 साल के नॉर्म से अलग करने और डीए/डीआर 50 फीसदी से ऊपर बढ़ने की तारीख से जोड़ने की सिफारिश की थी. रेलवे सोसायटी के अनुसार पिछले तीन केंद्रीय वेतन आयोगों की सिफारिशों के अनुसार, भविष्य में सैलरी रिविजन तब किया जाना चाहिए जब डीए/डीआर मूल वेतन से 50 फीसदी या अधिक हो; महंगाई के प्रभाव को बेअसर करने के लिए सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव होना जरूरी है. जनवरी-2024 से डीए/डीआर की दर 50 फीसदी या उससे अधिक को पार करने का अनुमान है और इस तरह वेतन और भत्ते और पेंशन को जनवरी, 2024 से बदलाव करने की जरुरत आन पड़ी है.

रेलवे सोसायटी के अनुसार यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के साथ एक तरह का बड़ा अन्याय था, जो उनकी रियल इनकम में लगातार गिरावट के कारण हुआ. रेलवे सोसायटी के मेमोरेंडम में कहा गया है कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत महंगाई से ज्यादा राहत नहीं देते हैं और न ही वे देश की प्रति व्यक्ति आय में इजाफा करने मददगार साबित होता है.

1 जनवरी 2024 से 8वां वेतन आयोग की मांग?
रेलवे सोसायटी ने अपने मेमोरेंडम में कहा कि वेतन आयोगों को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में लगभग 2 साल लग जाते हैं और सरकार द्वारा इस पर विचार करने और इसे लागू करने में एक और साल या उससे अधिक का समय लग जाता है. यह आगे वेतन आयोग द्वारा प्रपोस्ड सैलरी और पेंशन की रिलेटिव वैल्यू को कम कर देता है. रेलवे सोसायटी से सरकार से मांग की है कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग की जल्द से जल्द स्थापना की जाए और केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1-1-2024 से अंतरिम राहत दी जाए.

सोसायटी ने आंकड़ें रखते हुए कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति आय 2015-16 में 93,293 रुपये से बढ़कर 2022-23 में 1,97,000 रुपये हो गई है. इसका मतलब है कि देश में इस दौरान प्रति व्यक्ति आय में 111 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है, 1-1-2016 से 1-1-2023 तक कर्मचारियों की सैलरी में 42 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

क्या कहती है सरकार?
पिछले साल, केंद्र सरकार ने कहा कि शायद एक और वेतन आयोग स्थापित करने की आवश्यकता न पड़े. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि आठवां वेतन आयोग गठित करने का ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को सरकार 42 फीसदी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दे रही है. जुलाई साइकिल में केंद्र सरकार दोनों में 4 फीसदी का इजाफा कर सकती है. इस दर पर, 2024 के अंत में डीए/डीआर की दर लगभग 50 फीसदी या अधिक हो सकती है.

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