समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकांत यादव को शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान उन्होंने जज से कारागार में ड्राई फ्रूट और मिनरल वाटर उपलब्ध कराने की मांग की। रमाकांत ने बिगड़ती सेहत का हवाला देते हुए कहा कि जेल में उन्हें डॉक्टर ने द्वारा बताया भोजन नहीं दिया जा रहा है। बता दें, फूलपुर पवई से सपा विधायक रमाकांत यादव इस वक्त उत्तर प्रदेश की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं।
बाहुबली सपा विधायक रमाकांत यादव को शुक्रवार को चार मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए MP/MLA कोर्ट में पेश किया गया। अहरौला और फूलपुर इलाके में हुए शराबकांड के दो मामलों और अंबारी चौक पर 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान फायरिंग के मामले में जज के छुट्टी पर होने के कारण अगली सुनवाई 20 जून को होगी।
साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान BSNL कर्मी से लूटपाट और मारपीट के मामले में सपा विधायक की पेशी हुई थी। इस दौरान रमाकांत ने जज के सामने अपना दर्द बयां किया। सपा विधायक ने कहा कि उनका ठीक से इलाज नहीं कराया जा रहा है। शुगर के की वजह से उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। विधायक होने के चलते प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए। उन्हें अच्छा भोजन और अन्य सुविधएं मुहैया कराई जाएं।
रमाकांत यादव ने कहा कि अगर सरकार उनका खर्च उठाने में सक्षम नहीं है तो उन्हें निजी खर्च पर भोजन और अन्य सुविधाओं के लिए अनुमति दी जाए। इसको लेकर रमाकांत के वकील की तरफ से लिखित प्रार्थनापत्र भी कोर्ट में दिया गया। जिसको लेकर जज अशोक कुमार सिंह ने फतेहगढ़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। इस मामले को लेकर 22 जून को सुनवाई होगी।
कौन हैं रमाकांत यादव?
रमाकांत यादव की गिनती उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं में होती। रमाकांत ने 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को अपने प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का कैबिनेट और अपना पूरा कुनबा उतारने पर मजबूर कर दिया था। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। निर्दलीय से राजनैतिक सफर शुरू करने वाले रमाकांत प्रदेश की चारों प्रमुख पार्टियों में रहे हैं।उन्होंने सपा, बसपा, भाजपा होते हुए कांग्रेस तक पहुंचे और फिर उसी सपा में शामिल हो गए जिससे वह दो बार सांसद और दो बार विधायक रहे।
रमाकांत ने 1985 में पहली बार चुनाव जीता
रमाकांत यादव ने पहली बार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सन 1985 में आजमगढ़ के फूलपुर से विधानसभा चुनाव जीता था। तब से अब तक, लगभग 38 वर्ष की राजनीतिक यात्रा में रमाकांत चार बार विधायक और चार बार ही सांसद रहे हैं। रमाकांत यादव ने साल 1989 में दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर आजमगढ़ जिले के फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गए और 1991 और 1993 में भी निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे।
यूपी की सभी प्रमुख पार्टियों में रह चुके रमाकांत
बाहुबली रमाकांत जल्द ही सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबियों में गिने जाने लगे। सपा ने 1996 के लोकसभा चुनाव में उन्हें आजमगढ़ लोकसभा सीट से मैदान में उतारा। रमाकांत ने आजमगढ़ में सपा का परचम लहराया। 1999 में वह फिर से चुनाव जीत गए। 2004 में सपा की साइकिल से उतर कर रमाकांत ने हाथी की सवारी करते हुए जीत दर्ज की। 2009 के चुनाव में वह भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। 2014 की मोदी लहर में रमाकांत को मुलायम सिंह यादव ने हराया। 2019 में भाजपा से टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस के टिकट पर भदोही से चुनाव लड़े, लेकिन उनको हार का समाना करना पड़ा।