भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए पांडी अनुष्ठान ओडिशा के पुरी में शुरू हो गया है। COVID महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है। त्योहार पर अपेक्षित भीड़ को ध्यान में रखते हुए ओडिशा पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ तीन भव्य रथों में सवार होकर निकलते हैं। हर साल भगवान जगन्नाथ 3 किलोमीटर लंबी यात्रा करके अपनी मौसी गुंडिचा के घर यानी कि गुंडिचा मंदिर जाते हैं। इसके बाद वे यहां 7 दिन तक विश्राम करते हैं और फिर दोबारा जगन्नाथ मंदिर लौटते हैं।
शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होता है शुरू
रथ यात्रा, जिसे भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथ उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, ओडिशा के पुरी शहर में सबसे प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्यौहार हर साल जून या जुलाई के महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होता है। इस वर्ष यह पर्व 1 जुलाई को पड़ रहा है। तीन रथों को हर साल वार्षिक रथ उत्सव से पहले एक नया बनाया जाता है।