केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने चार्टर्ड अकाउंटेंट और कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस भास्कर रमन को वीजा भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक, देर रात कई घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने भास्कर रमन को गिरफ्तार किया।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, “वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और इसलिए हमें भास्कर रमन को गिरफ्तार करना पड़ा। उन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।” भ्रष्टाचार से जुड़े ताजा मामले में सीबीआई ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के कई ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था।
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की टीम ने चेन्नई, मुंबई, कोप्पल (कर्नाटक), झारसुगुडा (उड़ीसा), मानसा (पंजाब) और दिल्ली में 10 ठिकानों पर तलाशी ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि पंजाब में एक बिजली परियोजना के लिए 300 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए उन्होंने 50 लाख रु की रिश्वत ली थी।
2018 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भेजे गए इनपुट पर केस दर्ज किया गया था। सीबीआई ने इस साल मार्च में ही प्रारंभिक जांच शुरू की और 14 मई को एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने इस केस में प्रारंभिक जांच शुरू करने में देरी का कारण नहीं बताया था जबकि चिदंबरम ने छापेमारी के समय पर सवाल उठाए थे।
लैपटॉप से मिली थी अहम जानकारी
भास्कर रमन के लैपटॉप से ही ईडी ने एक ईमेल की जानकारी प्राप्त की थी जिसमें चीनी नागरिकों के लिए वीजा की सुविधा के लिए वेदांता से 50 लाख रुपए की डिमांड को लेकर चर्चा की गई थी। सीबीआई की प्राथमिकी में कार्ति चिदंबरम, भास्कर रमन, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड मनसा, तलवंडी साबो के प्रतिनिधि विकास मखरिया और बेल टूल्स लिमिटेड, मुंबई को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि चिदंबरम वेदांता के बोर्ड में थे और उनके बेटे ने वेदांता की सहायक कंपनी से वित्तीय लाभ लिया था।