रिपोर्ट- मिथिलेश राय
धनबाद। साल के प्रथम दिन भगवान श्री श्री रामकृष्ण परमहंस देव जी की याद में आश्रम प्रांगन कल्पतरु मनाया गया । सुबह विशेष पूजा अर्चना हुई एंव भोग वितरण हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम मे सभी भक्तजनों ने अपनी अपनी भागीदारी निभाई। सुजाता चटर्जी ने ठाकुरजी केभक्ति गानों से माहौल भक्तिमय कर दिया। उसके बाद ठाकुरजी का प्रसाद वितरण किया।
अध्यक्ष डॉ गोपाल चटर्जी ने कल्पोतरू उत्सव के बारे में प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि सन 1886 साल के प्रथम दिन श्री श्री रामकृष्ण परमहंस देव जी ने काशीपुर के उद्यानबाटी में गृहस्थ भक्तगणो के बीच बोले थे। ” “तोमादेर चैतन्य होक “एवं समाधिस्थ होकर सभी शिष्य को स्पर्श किए इस स्पर्स से सभी भक्तों को एक अद्भूत आध्यात्मिक अनुभूति हुआ था।
भगवान के शिष्य रामचंद्र दत्त ने व्याख्या किया की ठाकुर उसदीन हिंदू पुराण के अनुसार कल्पतरु में परिणत हुए थे। इसलिए उस दिन से कल्पतरु उत्सव के नाम से जाना जाता है। उसे दिन काशीपुर उद्यान बाटिका में सिर्फ सिर्फ गृहस्थ शिष्य लोग ही उपस्थित थे कोई भी संन्यासी शिष्य उसदीन नहीं थे
पुरी कार्यक्रम संस्था के सचिव अधिवक्ता सुजीत चंद्र मलिक के नेतृत्व में संपन्न हुआ । उन्होंने सभी सदस्यों को कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद दिए एवं तीन जनवरी को श्री श्री मां शारदा देवी का 171st जन्म तिथि उत्सव एवं 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के 161st जन्मदिन पर अयोजित युवा उत्सव को सफल करने के लिए सभी सदस्यों से अनुरोध किया।