उत्तर प्रदेश लोकसभा उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश से दो प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हुआ है। इनमें आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ और रामपुर से घनश्याम लोधी को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा बीजेपी ने अन्य राज्यों से भी प्रत्याशियों की घोषणा की है। भाजपा ने त्रिपुरा से 4, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और झारखंड से एक को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है।
सपा ने दलित चेहरे पर खेला दांव
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से लोकसभा उपचुनाव में दलित चेहरे पर दांव खेला है। सपा ने आजमगढ़ से सुशील आनंद को उम्मीदवार बनाया है। सुशील आनंद बामसेफ के संस्थापक सदस्यों में रहे बलिहारी बाबू के बेटे हैं। बलिहारी बाबू समाजवादी पार्टी में थे। लंबे समय तक बामसेफ और फिर बसपा के साथ रहे थे, लेकिन कोरोना काल में उनका निधन हो गया था। समाजवादी पार्टी ने इसे देखते हुए दलित दांव खेला है क्योंकि मायावती ने अपना पूरा जोर मुस्लिम चेहरे गुड्डू जमाली पर लगाया है। बता दें कि पहले डिंपल यादव को आजमगढ़ से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा थी।
कांग्रेस नहीं लड़ेगी चुनाव
उत्तर प्रदेश लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। वह दोनों सीटों पर उपचुनाव नहीं लड़ेगी। वहीं, बहुजन समाज पार्टी से गुड्डी जमाली चुनाव लड़ेंगे। वह आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे। जबकि रामपुर से प्रत्याशी नहीं उतारा है। दोनों ही पार्टियों ने रामपुर से प्रत्याशी की घोषणा न करते हुए मुस्लिम वोट को रिझाने के लिए आजम खान को इंडायरेक्ट तौर पर समर्थन दिया है।
जबकि, समाजवादी पार्टी के खिलाफ प्रत्याशी उतारकर बसपा ने भाजपा को मजबूत करने का काम कर रही है क्योंकि आजमगढ़ से यादव-मुस्लिम और दलित बाहुल क्षेत्र हैं। बसपा की तरफ से गुड्डू जमाली को उतारना सिर्फ मुस्लिम और यादव वोटर में सेंध लगानी है। जबकि इस रणनीति से भाजपा को सीधे तौर पर फायदा होगा क्योंकि भाजपा के उम्मीदवार दिनेश यादव निरहुआ ने पिछली बार अखिलेश यादव को कड़ी टक्कर दी थी। ऐसे में उपचुनाव में निरहुआका जीतना तय माना जा रहा है।
अन्य राज्यों से भी प्रत्याशियों की घोषणा
बीजेपी ने दिल्ली से राजेश भाटिया, त्रिपुरा से माणिक शाह, अशोक सिन्हा, स्वप्न दास पॉल और मालिनी देबनाथ और आंध्र प्रदेश से गुंदलपल्ली भारत कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया है।