भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शासन वाले उत्तराखंड (Uttarakhand) में धर्मांतरण पर बड़ा फैसला हुआ है। सूबे में अब जबरन मजहब बदलवाने से जुड़े मामले में 10 साल की सजा होगी। यह फैसला बुधवार (16 नवंबर, 2022) को उत्तराखंड की कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) में हुआ।
बैठक के दौरान सूबे के धर्मांतरण कानून में भी कड़े संशोधन कर दिए गए। जबरन धर्म परिवर्तन अब इस पहाड़ी राज्य में संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) माना जाएगा। एन कानून में 10 साल की सजा का भी प्रावधान किया गया है, जबकि जबरन धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ को बैन कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता वाली इस बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) को नैनिताल (Nainital) से हलद्वानी (Haldwani) शिफ्ट किया जाएगा। इस मीट में कुल 26 प्रस्ताव पारित हुए।