बिहार में सरकारी अस्पतालों की हालत कितनी दयनीय है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अस्पतालों के पास यूरो बैग तक नहीं है। जमुई सदर अस्पताल में हुई घटना अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। यहां एक गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को पेशाब करने के लिए यूरो बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल लगाई गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि इस मरीज ने छटपटाकर दम तोड़ दिया। मृत व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक जमुई अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर केएम प्रताप ने बुधवार को बताया कि मरीज को जब यहां लाया गया तो उसकी हालत बहुत गंभीर थी। उसने आज दम तोड़ दिया। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। डाक्टर ने इस बात से इंकार किया कि मरीज की मौत की वजह ‘घोर लापरवाही’ का नतीजा है। डॉक्टर प्रताप ने कहा कि यूरो बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल को कैथेटर से जोड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
अस्पताल में यूरो बैग नहीं था
उन्होंने दावा किया कि रेलवे पुलिस जब व्यक्ति को इलाज के लिए लेकर आई तो उस समय अस्पताल में यूरो बैग उपलब्ध नहीं था। सिविल सर्जन ने कगा कि मरीज के भर्ती होने के 15 से 20 मिनट के भीतर यूरो बैग की व्यवस्था कर दी गई लेकिन इसी बीच किसी ने कोल्ड ड्रिंक के साथ मरीज की तस्वीर ले ली और सोशल मीडिया पर इसे वायरल कर दिया। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि सोमवार शाम झाझा रेलवे पुलिस मरीज को भर्ती कराने आई थी।
मरीज की पहचान नहीं हो पाई
रिपोर्टों में कहा गया है कि मरीज की जांच करने के बाद डॉक्टरों ने अस्पतालकर्मियों से यूरो बैग और इंसुलिन इंजेक्शन की व्यवस्था करने के लिए कहा। चूंकि, उस समय यूरो बैग नहीं था इसलिए कैथेटर से कोल्ड ड्रिंक के खाली बोतल से जोड़ दिया गया। दम तोड़ने वाले मरीज की पहचान नहीं हो पाई है।