नए संसद भवन की नई इमारत की छत पर सोमवार को विशाल अशोक स्तंब स्थापित किया गया। 6.5 मीटर ऊंचे इस अशोक स्तंभ का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत अन्य नेता मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्तंब को तैयार करने वाले मजदूरों से बातचीत भी की। इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश राय भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। दरअसल नए संसद भवन का भूमि पूजन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, जबकि पुराने संसद भवन का निर्माण अंग्रेजों के समय हुआ था।
खास है ये अशोक स्तंभ
नए संसद भवन की इमारत की छत पर लगा ये राष्ट्रीय स्मारक काफी खास है। इस स्तंब को कांसे से बनाया गया है। यही वजह है कि रोशनी पड़ने पर ये चमकने लगता है, जिससे ये काफी दूर से ही दिखाई देता है। यह अशोक 20 फीट से ज्यादा ऊंचा है। इस स्तंभ को क्रेन के जरिए भवन के ऊपर स्थापित किया गया।
दो हजार श्रमिकों ने किया अशोक स्तंभ का निर्माण
अशोक स्तंभ का निर्माण दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने किया है। बता दें कि, इस नए संसद भवन में 1224 सदस्य बैठेंगे। इस भवन का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा कर लेने की योजना है।
बता दें कि, इस नए संसद भवन के निर्माण में करीब 1000 करोड़ रुपए की लागत आई है। नए संसद परिसर के बन जाने के बाद पुराने संसद भवन को संग्रहालय में तब्दी कर दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने किया था इमारत का उद्घाटन
बताया जा रहा है कि यह नया संसद भवन शीतकालीन सत्र के दौरान बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
वहीं इस नए अशोक स्तंभ के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी उसके पास खड़े होकर तस्वीरें भी खिंचवाई।
बता दें कि, पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को को नई इमारत का शिलान्यास किया। ये एक तिकोनी इमारत है। जबकि मौजूदा संसद यानी पुरानी इमारत का आकार वृत्ताकार है।