दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को लेकर समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। अन्ना हजारे ने पत्र के माध्यम से केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति की आलोचना की है। उन्होंने लिखा है कि महाराष्ट्र की तरह की नीति की उम्मीद की थी। लेकिन आपने (दिल्ली सरकार) ऐसा नहीं किया। लोग सत्ता के लिए पैसे के घेरे में और पैसे के लिए सत्ता के चक्कर में फंसते दिख रहे हैं। यह उस पार्टी को शोभा नहीं देता जो एक बड़े आंदोलन से निकली है।”
अन्ना हजारे ने सीएम केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा, “आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले बार पत्र लिख रहा हूं। आपने स्वराज नाम की एक किताब लिखी थी और इसकी प्रस्तावना आपने मुझसे लिखवाई थी। आपने उस किताब में शराब के बारे में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं। आपकी आदर्श बातों से बहुत उम्मीद थी। लेकिन दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से लगता है कि आप राजनीति में आने और मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं।”
अन्ना हजारे ने आगे लिखा, “दिल्ली सरकार की शराब नीति ऐसी है जैसे लगता है कि शराब की बिक्री बढ़े और शराब पीने का बढ़ावा मिले। इससे गली-गली शराब की दुकानें खुलवाई जा सकती हैं और भ्रस्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है। यह जनता के हित में नहीं है। ऐसा लगता है कि जिस प्रकार शराब का नशा होता है, उसी प्रकार से सत्ता का भी नशा होता है। आप उसी नशे में डूब गए हैं, ऐसा लगता है।”
केजरीवाल को लोकपाल की याद दिलाते हुए अन्ना हजारे ने लिखा, “भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए ऐतिहासिक लोकपाल और लोकायुक्त आंदोलन हुआ और लाखों की संख्या में लोग रास्ते में उतर आएं। तब आप मंच से बड़े-बड़े भाषण देते थे। आदर्श राजनीति और आदर्श व्यवस्था पर अपने विचार आप व्यक्त करते थे। लेकिन दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद लगता है कि आप लोकायुक्त और लोकपाल कानून भूल गए। आपने विधानसभा में शसक्त लोकायुक्त कानून बनाने की कोशिश भी नहीं की। आपने महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है और इससे स्पष्ट पता चलता है कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है।”
बता दें कि दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच हंगामा मचा हुआ है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ इसको लेकर सीबीआई जांच भी चल रही है।