चंडीगढ़ यूनवर्सिटी में लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। चंडीगढ़ यूनवर्सिटी की जिस छात्र पर अश्लील वीडियो बनाने का आरोप है, उससे चैटिंग करने वाला युवक सेना का जवान निकला। बताया जा रहा है कि सेना के जवान ने ही आरोपी लड़की को अश्लील वीडियो बनाने के लिए मजबूर किया। आरोपी लड़की को ब्लैकमेल करने वाले सेना के जवान से आर्मी इंटेलिजेंस यूनिट पूछताछ कर रही है।
मामले में जांच में पता चला है कि आरोपी लड़की को ब्लैकमेल करने वाला आर्मी का जवान जम्मू का रहने वाला है। इसका नाम संजीव कुमार बताया जा रहा है। फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के एटा नगर के पास तैनात है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरोपी जवान को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी लड़की और सेना के जवान के बीच चैटिंग पुलिस को हाथ लगी है। जिसके बाद इस बात का खुलासा हुआ है।
जवान और आरोपी छात्रा के बीच होती थी चैटिंग
हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपी लड़की ने हॉस्टल की लड़कियों का कोई वीडियो नहीं बना पाई थी। फोन में उसके अपने ही वीडियो थे। फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने मोबाइल फोन की जांच के बाद पुलिस को ये बताया है। लेकिन आर्मी जवान से चैटिंग के खुलासे के बाद अब चंडीगढ़ पुलिस उक्त जवान से पूछताछ करने की तैयारी में जुटी है।
दूसरी लड़कियों का अश्लील वीडियो मांग रहा था जवान
यह भी बात सामने आई है कि आरोपी जवान संजीव ही लड़की को छात्राओं के अश्लील वीडियो बनाने के लिए मजबूर कर रहा था। आरोपी लड़की के पुराने दोस्त ने उसका अश्लील वीडियो इस जवान तक पहुंचाया था जिसे लीक करने की धमकी देकर सेना का जवान बाकी लड़कियों के वीडियो बनाने को मजबूर कर रहा था। चैटिंग में आरोपी जवान लड़की से दूसरी लड़कियों के नहाते हुए वीडियो मांगता दिखा है।
दूसरी लड़की का वीडियो बनाते हुए पकड़ी गई थी छात्रा
चैटिं ग पर दोनों के बीच हुई बातचीत में इस बात की जानकारी भी मिली कि कॉलेज की एक छात्रा ने आरोपी लड़की को उसका वीडियो बनाते देख लिया था। जिसकी जानकारी आरोपी छात्रा ने मैसेज कर सेना के जवान को दी थी। हालांकि इसके बाद भी आरोपी जवान संजीव कुमार उससे अन्य लड़कियों के नहाते हुए समय का वीडियो मांग रहा था।
मामला सामने आने के बाद हुआ था भारी बवाल
बता दें कि इस एमएसएस कांड का खुलासा तब हुआ जब शिमला में बैठे एक लड़की के बॉयफ्रेंड ने उसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया। जब इस वीडियो के बारे में यूनिवर्सिटी के अन्य छात्राओं को मालूम चला तो इनमें से कई ने खुदकुशी करने की कोशिश भी की। इसके बाद यूनिवर्सिटी में भारी विरोध-प्रदर्शन हुआ था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब पुलिस ने हिमाचल प्रदेश पुलिस की मदद से शिमला से दो आरोपी को गिरफ्तार किया था।