मकर संक्रांति के पर्व को सूर्य के उत्तरायण होने की खुशी में मनाया जाता है ये सनातन धर्म का प्रमुख त्यौहार है। ये त्योहार मुख्य रूप से सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। इसलिए मकर संक्रांति का पर्व पिता-पुत्र के मिलन से भी संबंधित है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की भी परंपरा है। जानिए साल 2023 में किस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति।
मकर संक्रांति 2023 डेट और मुहूर्त
सूर्य देव जब शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस साल सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी की रात 8 बजकर 21 मिनट पर प्रवेश कर रहे हैं। क्योंकि मकर संक्रांति पर स्नान-दान दिन के समय किया जाता है इसलिए मकर संक्रांति पर्व इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त सुबह 07:15 से दोपहर 12:30 तक रहेगा। वहीं महापुण्य काल मुहूर्त सुबह 07:15 से सुबह 09:15 तक रहेगा।
मकर संक्रांति से जुड़ें रीति-रिवाज़: मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है। इस दिन विशेष रूप से पतंग महोत्सव आयोजित किये जाते है। इस दिन धान और गन्ना आदि फसलों की कटाई की जाती है। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी में स्नान करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सूर्य देव की अराधना से व्यक्ति को सफलता और समृद्धि मिलती है। मकर संक्रांति पर “कुंभ मेला”, “गंगासागर मेला” और “मकर मेला” आदि आयोजित किए जाते हैं।
मकर संक्रांति के दिन क्या दान करें?
मकर संक्रांति के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन तिल, कंबल, खिचड़ी, घी और गुड़ का दान करना सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है।