Oscar Awards 2023: फिल्मों के सबसे बड़े अवार्ड ऑस्कर में आज भारत का डंका बजा है। भारत की झोली में दो अवार्ड आए। इससे पूरी फिल्म इंडस्ट्री में खुशी की लहर है। आरआरआर के नाटू नाटू सॉन्ग ने बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग में ऑस्कर जीता जबकि शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री की कैटेगरी में भारतीय फिल्म ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने ऑस्कर अवार्ड पर कब्जा जमाया।
ये दोनों अवार्ड जीतने से भारतीय सिनेमाप्रेमियों में खुशी की लहर है। सभी एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। ऑस्कर अवार्ड को जीतना फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हर व्यक्ति का सपना होता है। यह अवार्ड उन्हें नाम-फेम की उस ऊंचाई पर ले जाता है जिसकी वो कल्पना भी नहीं कर सकते। ऑस्कर अवॉर्ड्स फिल्म जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। इसे अमरीका की एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस फिल्म निर्देशकों, एक्टर, राइटर जैसे फिल्म जगत से जुड़े प्रोफेशनल्स को उनके बेहतरीन काम को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। इसमें पूरी दुनिया से फिल्मों की एंट्री होती है। फिर कई दौर के सलेक्शन प्रोसेस के बाद यह अवार्ड दिया जाता है।
ऑस्कर अवार्ड देने की कब और कैसे हुई शुरुआत?
ऑस्कर अवॉर्ड जीतने पर विजेता को क्या मिलता है? यह वो सवाल है जो आज हर किसी के जेहन में है। तो आईए जानते है ऑस्कर अवॉर्ड के बारे में कुछ अहम जानकारी। ऑस्कर अवॉर्ड्स की शुरुआत 1927 में हुई थी। तब उस समय के मोशन पिक्चर्स इंडस्ट्री के 36 सबसे प्रतिष्ठित लोगों ने इस अवार्ड को शुरू किया था।
1927 की शुरुआत में एमजीएम स्टूडियो के हेड लुइस बी मेयर, मेयर और उनके तीन गेस्ट्स एक्टर कॉनरेड नागेल, डायरेक्टर फ्रेड निबलो और प्रोड्यूसर फीड बीटसोन ने पूरे फिल्म उद्योग को फायदा देने के लिए ऑस्कर अवार्ड देने की योजना बनाई थी।
ऑस्कर अवार्ड जीतने पर मिलती है एक ट्रॉफी-
ऑस्कर अवार्ड जीतने पर विजेताओं को एक ट्रॉफी मिलती है। जो तांबे बनी होती है। मूर्तिनुमा इस ट्रॉफी पर सोने की परत चढ़ी होती है। ऑस्कर ट्रॉफी 13.5 इंच (34 सेमी) लंबी होती है वहीं इसका वजन 8.5 पाउंड (3.85 किलो) होता है। इस ट्राफी में एक योद्धा की आकृति दिकती है जिसे आर्ट डेको में बनाया गया है। ये योद्धा तलवार लेकर पांच तिल्लियों वाली एक फिल्म रील पर खड़ा है।
ऑस्कर अवार्ड जीतने पर कितना पैसा मिलता है?
ऑस्कर को फिल्मी जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है। लेकिन आपको जानकर यह हैरत होगी कि इसके विजेता को किसी भी तरह का कैश प्राइज नहीं दिया जाता है। लेकिन आस्कर जीतने वाले की मार्केट वैल्यू बढ़ जाती है यानि वो अपने काम के लिए कितनी भी कीमत मांग सकता है। एक ऑस्कर अवॉर्ड को बनाने में 1000 डॉलर यानि करीब 82 हजार रुपये की लागत आती है।
विजेता ऑस्कर अवार्ड को बेच नहीं सकता-
यहां एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑस्कर विजेता को ट्रॉफी पर मालिकाना हक नहीं मिलता है। विजेता किसी भी हालात में ट्रॉफी को कहीं और बेच नहीं सकता। अगर कोई विजेता इस ट्रॉफी को बेचना चाहता है तो उसे इसे एकेडमी को ही बेचना होगा। जो इस ट्राफी को मात्र 1 डॉलर में खरीद सकती है। ऐसे में आस्कर अवार्ड विजेता को सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन परोक्ष रूप से मालामाल बनाता है।
नाटू-नाटू की धुन पर झूम उठे लोग, मिला स्टैंडिंग ओविएशन-
सोमवार को अमरीका में आयोजित 95 अकादमी अवॉर्ड समारोह में इंडियन फिल्म ‘आरआरआर’ के ‘नाटू नाटू’ ने बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग कैटेगिरी का ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है। म्यूजिक कंपोजर एमएम कीरावणी ने ‘नाटू नाटू’ के लिए ऑस्कर ट्रॉफी ली और सभी को ‘नमस्ते’ कहा।
ऑस्कर अवॉर्ड नाइट में सिंगर्स राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव ने स्टेज पर आरआरआर के ‘नाटू नाटू’ पर लाइव परफॉर्मेंस दी। इस दौरान स्टेडियम में मौजूद सभी लोग ‘नाटू नाटू’ की धुन पर झूम उठे और गाने को स्टैंडिंग ओविएशन भी मिला।
‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने अवॉर्ड जीतकर रचा इतिहास
दूसरी ओर इस इवेंट में भारत की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की इस फिल्म को खूब प्यार दिया जा रहा है। इस अवार्ड को जीतने के बाद गुनीत मोंगा ने खास संदेश भी दिया। अवार्ड जीतने के बाद गुनीत मोंगा ने कहा कि सभी महिलाओं को सपने देखने का हक है।