गूगल में एक बार फिर छंटनी हुई है। इस बार कंपनी की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) ने उन लोगों को पिंक स्लिप पकड़ा दी है, जिनके जिम्मे नई भर्तियां करने का जिम्मा था। इस राउंड में बड़ी पैमाने पर छंटनी तो नहीं की गई है लेकिन कंपनी के इस फैसला का असर सैकड़ों लोगों पर पड़ेगा। इसके पहले गूगल इस साल जनवरी में करीब 6 फीसदी कर्मचारियों की कटौती कर चुका है। जिसका करीब 12 हजार कर्मचारियों पर असर हुआ था।
टेक कंपनियों में छंटनी का नहीं थमा सिलसिला
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इसके पहले अल्फाबेट ने जनवरी करीब 12,000 नौकरियों में कटौती की थी। इस छंटनी में दुनिया भर के कर्मचारी शामिल थे। उसके बाद फिर छंटनी से साफ है कि अभी दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों के हालात नहीं सुधरे हैं। जनवरी में गूगल की छंटनी की तरह अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट ने भी बड़े पैमाने पर छंटनी कर चुकी हैं। इसके तहत अमेजन ने 18,000 और माइक्रोसॉफ्ट ने 10,000 कर्मचारियों को निकाल दिया था।
कहीं AI तो नहीं छीन रहा है नौकरी
वैसे तो यह आधिकारिक तौर पर किसी भी टेक कंपनी के तरफ से छंटनी का कारण AI को नहीं बताया गया है। लेकिन निकाले गए कर्मचारियों के तरफ से इस तरह की बाते सामने आई थीं। और गूगल के BARD के अलावा Open AI के Chatgpt जैसे AI टूल की एंट्री हुई है। मार्च में गूगल ने अपने कर्मचारियों को एक ईमेल के माध्यम से सूचित किया था कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष उनमें से कम को अधिक वरिष्ठ स्तर पर पदोन्नत किया जाएगा। पिछली रिपोर्टों के अनुसार लागत में कटौती करने के लिए गूगल ने काम पर लौटने वाले कर्मचारियों से कार्यालय स्थान को \”साझेदार\” के साथ साझा करने के लिए भी कहा।
कंपनी ने क्या कहा
रिपोर्ट में कंपनी के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, \”हम कुशलतापूर्वक काम कर सकें यह सुनिश्चित करने के लिए हमने अपनी भर्ती टीम के आकार को कम करने का कठोर निर्णय लिया है। उनके अनुसार हम ट्रांजिशन पीरियड, आउटप्लेसमेंट सर्विस और सेविरेन्स से प्रभावित हर किसी का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि वे यहां गूगल और उसके बाहर नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं।