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पुलिस ने थाने में उतरवाए नाबालिग के कपड़े, फोटो खींचे, बनाया शादी का दबाव और…

कानपुर पुलिस विभाग अपने किए गए कामों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहता है. वर्दी को कलंकित करना इनके लिए लगता है कोई बड़ी बात नहीं रह गई है. कभी साढ़ थाने में तैनात मनचले दरोगा एक पीड़िता को इंसाफ दिलाने के नाम पर दोस्ती का दबाव बनाते दिखते हैं तो दूसरे दरोगा नशे में वर्दी का रौब झाड़ कर फ्री में सिगरेट मांगते हैं और पैसे मांगने पर महिला के साथ गाली गलौज पर उतारू हो जाते हैं.

इसी कानपुर पुलिस का एक और शर्मनाक कारनामा सामने आया है. अब साढ़ थाना पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने एक नाबालिग पीड़िता की सलवार उतरवा कर फोटो ग्राफी की है. पुलिस ने यह सब आरोपी युवक के सामने किया है. इसके बाद नाबालिग पर आरोपी से शादी का दबाव भी बनाया गया. ये गंभीर आरोप एक नाबालिग के पिता ने पुलिस पर लगाए हैं. दरअसल नाबालिग के पिता ने घाटमपुर इलाके के थाना साढ़ में एक युवक पर उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ करने और अश्लील हरकते करने के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी.

पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार
पुलिस ने 3 सितंबर को आरोपी को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने नाबालिग को पूछताछ के लिए थाने बुलाया. इस दौरान लेडी कॉस्टेबल आरोपी के सामने ही उससे पूछताछ करके उसके कपड़े उतरवा देती हैं. पिता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी बेटी की आपत्तिजनक फोटोज भी पुलिस ने क्लिक की है.

पुलिस के बर्ताव से डिप्रेशन में नाबालिग
नाबालिग पीड़िता ने पिता को पीड़िता ने बताया तो उनके होश उड़ गए, पिता का आरोप है कि आरोपी पूर्व दबंग प्रधान का भतीजा है जिसके चलते पुलिस ने ये काम किया है. पिता ने बताया कि उनकी बेटी पुलिस की इस घिनौनी हरकत की वजह से बहुत डर गई है और अवसाद ग्रस्त हो कर कोमा में चली गई है. फिलहाल नाबालिग का इलाज कानपुर के एक हॉस्पिटल के बाल रोग यूनिट में चल रहा है. पिता ने मामले में बताया कि लड़की को अमन स्कूल जाते समय छेड़ा करता था, उसने लड़की के फोटो भी खींचे और उनको एडिट कर अश्लील बना दिया. लड़के ने सोशल साइट पर भों पोस्ट कर दिया, इसके बाद उन्होंने मजबूर हो कर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि पुलिस ऐसा सलूक करेगी.

टीम गठित, होगी जांच
वहीं पूरे मामले में पुलिस विभाग की एडीसीपी अंकिता शर्मा ने आरोप को प्रथम दृष्टया गंभीर बताते हुए प्राथमिक जांच कर निराधार बताया है. हालांकि मामला जब कानपुर कमिश्नर के संज्ञान में आया तो इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच होने के लिए एक टीम गठित की गई है. इसके बाद एडीसीपी ने कहा कि अगर आरोप सही पाए गए तो इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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