कानपुर में गंगा रौद्र रूप में आ चुकी है. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर है. अभी भी जलस्तर में बढोत्तरी लगातार जारी है. इससे गंगा किनारे पर बसे कई गांवों में पानी घुस गया है. यहां तक कि कई घरों में पानी भरने की वजह से जनजीवन तो अस्त व्यस्त हुआ ही है, लोग घरों की छतों पर डेरा जमाए हुए हैं. चूंकि घरों में दरारें भी आने लगी हैं, इससे इन घरों के गिरने का भी खतरा है. मुख्य सड़कों से गांव को जोड़ने वाली सड़कों पर छह से आठ फुट तक पानी भरा है. ऐसे में इन सड़कों पर गाड़ियां नहीं, अब नाव चल रही हैं.
स्थानीय लोगों के मुताबिक गांव में बाढ़ का पानी घुसने की वजह से लोगों को अपने जान माल की चिंता सताने लगी है. प्रभावित गांवों में लोगों ने अपने कीमती सामान छतों पर सहेज रखा है. कई परिवार तो खुद भी छतों पर ही गुजर बसर कर रहे हैं. वहीं बड़ी संख्या में लोग गांव छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं. बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा का पानी ऊफान पर है और कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर है.
इस बाढ़ से जिले के 10 से अधिक गांव ज्यादा प्रभावित हैं. वहीं करीब इतने ही गांवों में हालात खराब होने की आशंका है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कानपुर जिलाधिकारी विशाल जी अय्यर ने खुद बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया. उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे लोगों के अलावा अपने घरों की छतों पर डेरा जमाए लोगों से बातचीत की और अधिकारियों को उनके लिए खान पान की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. बता दें कि कानपुर में बीते दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है.
गंगा में आई बाढ़ की बड़ी वजह यह बारिश भी है. इससे गंगा किनारे बसे बनिया पूर्व, भोपाल पुरवा, भारत पूरवा, गिन्नी पुरवा, चैन पुरवा धरमखेड़ा, लक्ष्मण पूरवा, धल्ला पुरवा, डिगना पुरवा, पहाड़ी पुर आदि गांवों में पानी घुस गया है. मोक्षदायिनी गंगा खतरे के चेतावनी बिंदु से ऊपर बह रही है. बाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद प्रभावित परिवारों को निकालकर गंगा बैराज स्थित प्राथमिक विद्यालय में ठहराया गया है. उधर जिलाधिकारी विशाल जी अय्यर ने राहत टीमों को चौकसी बढ़ाने और प्रभावित लोगों को समय रहते राहत सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.
बताया जा रहा है कि गंगा का ऐसा रौद्र रूप करीब 13 साल बाद देखने को मिला है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को गंगा बैराज से इस सीजन का सबसे अधिक 4 लाख 16 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. इस समय गंगा का जलस्तर 113.13 मी है, जो चेतावनी बिंदु से 13 सेंटीमीटर ज्यादा है. गंगा बैराज की अपस्ट्रीम का जलस्तर 114.700 मीटर और डाउन स्ट्रीम पर 114.500 मीटर तक पहुंच गया है.
अधिकारियों के मुताबिक हरिद्वार से 1 लाख 30 हजार और नरौरा बांध से 1 लाख 55 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. बाढ़ की वजह से गंगा कटरी किनारे बसे गांव चैन पुरवा, दिवनी पुरवा, लोधनखेड़ा, भोपाल पुरवा, शिवदीन पुरवा और कांशीराम नगर की हालत काफी गंभीर हैं. दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. उधर, डीएम ने बताया कि 24 घंटे बाढ़ की निगरानी हो रही है. वह खुद भी हालात पर नजर रख रहे हैं. राहत कार्यों में लगे अफसर का कहना है कि जिन गांवों के रास्तों में पानी भरा है वहां नाव और ट्रैक्टर का प्रबंध किया गया है.