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आतंक शांति के लिए खतरा’, SCO मीटिंग में PM मोदी ने PAK को सुनाया, बॉर्डर को लेकर चीन भी निशाने पर रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में वर्चुअली हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दशक में SCO एशियाई क्षेत्र की समृद्धि, शांति और विकास के लिए प्रमुख प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समिट में आतंकवाद को लेकर भी निशाना साथा. पाकिस्तान का नाम नहीं लिए बगैर पीएम मोदी ने आतंक को लेकर उस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सभी देशों को दूसरे देशों की संप्रभुता और सीमा का सम्मान करना चाहिए.

एससीओ समिट की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी हिस्सा लिया. ये सभी लोग वर्चुअली इस बैठक का हिस्सा बनें. पीएम मोदी ने कहा कि हम एससीओ को अपने पड़ोसियों के साथ आने के रूप में नहीं देखते हैं, बल्कि इसे एक परिवार के तौर पर देखा जाता है. सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण एससीओ के लिए हमारे दृष्टिकोण के स्तंभ हैं.

पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की मौजूदगी में पीएम मोदी ने आतंक को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा है. हमें साथ मिलकर आतंक से लड़ना होगा. पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ मुल्क सीमा-पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मुल्क आतंकियों को अपने यहां पनाह भी देते हैं. एससीओ को ऐसे मुल्कों की आलोचना करने से परहेज नहीं करना चाहिए. एससीओ मुल्कों को आतंकवाद की आलोचना करनी चाहिए. आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए.

अफगानिस्तान की मदद को लेकर हुई बात
प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के हालात पर भी चर्चा की. पीएम ने साथी देशों से कहा कि अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताएं और अपेक्षाएं एससीओ के अधिकांश देशों के समान है. हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच दोस्ताना संबंध सदियों से हैं.

पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भारत ने दो दशकों तक योगदान दिया है. 2021 में जिस तरह के घटनाक्रम हुए, उसके बाद भी भारत की तरफ से लगातार मानवीय सहायता भेजी जाती रही है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल अस्थिरता फैलाने के लिए नहीं हो, इसे सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है.

भारत के पांच स्तंभों की दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत द्वारा SCO में सहयोग के लिए बनाए गए पांच स्तंभों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि स्टार्टअप एंड इनोवेशन, ट्रेडिशनल मेडिसिन, यूथ एम्पावरमेंट, डिजिटल इंक्लूजन, शेयर्ड बुद्धिस्ट हेरिटेज पांच स्तंभ हैं.

पीएम ने कहा कि भारत एससीओ का अध्यक्ष है और इस पद को संभालने की वजह से उसने हमारे सहयोग को नई ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रयास किया है. इस सभी प्रयासों को दो सिद्धांतों के आधार पर तैयार किया गया है.

इसमें पहला- ‘वसुधैव कुटुंबकम’ यानी पूरी दुनिया ही हमारा परिवार है. ये सिद्धांत प्राचीन समय से हमारे सामाजिक आचरण का अभिन्न अंग रहा है और आधुनिक समय में ये हमारी प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है. उन्होंने आगे बताया कि दूसरा SECURE यानी सिक्योरिटी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, कनेक्टिविटी, यूनिटी, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण संरक्षण.

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