ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के तीसरे दिन हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है जो 12 फिट लंबा व लगभग चार फिट चौड़ा है। दावा किया जा रहा है कि यह शिवलिंग मस्जिद में वजू करने के स्थान पर है। हालांकि, हिन्दू पक्ष के इस दावें को मुस्लिम पक्ष नहीं मान रहा है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये वजू के स्थान पल लगा हुआ फौहारा है। जिले हिन्दू पक्ष की ओर से शिवलिंग बताया जा रहा है। अब मामला कोर्ट में है आज सर्वे रिपोर्ट को को जिला कोर्ट में पेश करना था लेकिन रिपोर्ट के पेश होने पर संशय बना हुआ है। एडवोकेट कमिश्नर कोर्ट से रिपोर्ट पेश करने के लिए आज कुछ समय मांग सकते हैं।
सर्वे के बाद परिसर में शिवलिंग मिलने के बाद एक वीडियो सामना आया है इस वीडियों को लेकर दोनों पक्ष की ओर से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। जहां मुस्लिम पक्ष वीडियों को लेकर कह रहा है कि ये वजू के लिए बनाए गए स्थल का फौहारा है वहीं हिन्दू पक्ष का कहना है कि यह विशाल शिवलिंग है।
वादी पक्ष का तर्क
शिवलिंग मिलने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का असली स्थापना स्थल ज्ञानवापी था। वादी पक्ष को ओर से इस सम्बंध में यह तर्क दिया जा रहा है कि काशी विश्वकनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मौजूद नंदी का मुख सदियों से इसी ओर विद्यमान है। हिंदू मान्यवता के अनुसार नंदी का मुख सदैव शिवलिंग की ओर ही होता है।
कोर्ट ने जारी किया आदेश
वादी पक्ष का पत्र प्राप्त होने के बाद दोपहर 12 बजे अदालत की ओर से इस सबंध में आदेश जारी कर दिया गया। अदालत ने आदेश में कहा कि ‘जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए। सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए।