महिला आरक्षण बिल को आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में जेपी नड्डा बहस की शुरुआत करेंगे। बीजेपी की तरफ से 14 महिला सांसद इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगी। यहां से पास होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। महिला आरक्षण बिल नई संसद के लोकसभा में पास हुआ पहला बिल भी है। महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा। बुधवार को महिला आरक्षण बिल को लंबी चर्चा के बाद तो-तिहाई बहुमत से लोकसभा से पास हो गया। बिल के समर्थन में 454 और विरोध में दो वोट पड़े। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से वोटिंग कराई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में वोट किया।
हमने नारी को शक्ति और देवी के रूप में देखा- नड्डा
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 9 साल में महिलाओं के लिए किए गए कार्यों के लिए सरकार को धन्यवाद देता हूं। नारी शक्ति वंदन ये शब्दावलि महिलाओं को समाज देखने के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है। उन्होंने कहा कि हमने भारतीय संस्कृति में महिलाओं का बहुत बड़ा स्थान रहा है। हमने नारी को शक्ति के रूप में देखा है, देवी के रूप में देखा है। जेपी नड्डा ने कहा कि इतिहास गवाह रहा है कि महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले बेहतर काम करके दिखाया है।