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अजित पवार ने शरद पवार को NCP चीफ पद से हटाया, खुद बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

महाराष्ट्र में जारी महाभारत में अब एक और नया घटनाक्रम सामने आया है। अजित गुट ने दावा किया है कि अजित पवार ने शरद पवार को एनसीपी चीफ पद से हटा दिया है और खुद एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं। गुट ने दावा किया है कि 30 जून को मुंबई में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। जिसमें इस बात को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ था। यह बैठक प्रफुल्ल पटेल ने बुलाई थी। जिसमें शरद पवार को एनसीपी चीफ पद से हटाने और अजित पवार को चुनने का फैसला हुआ था। अजित गुट ने यह भी दावा किया कि इस बैठक में 31 विधायक मौजूद थे। साथ ही चार एमएलसी भी थे। शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने कहा कि 83 साल का शेर अभी भी जिंदा है। वे आज भी एक शेर की तरह लड़ रहे हैं।

इससे पहले एनसीपी में बगावत के चौथे दिन बुधवार को शरद पवार गुट और अजित पवार गुट की बैठक हुई। इस दौरान अजित पवार ने शरद पवार को उनकी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए पार्टी की कमान सौंपने की मांग की। अजित पवार ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर एनसीपी का नाम और निशान मांगा। अजित पवार ने चुनाव आयोग में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और उसके चुनाव चिह्न घड़ी पर अपना दावा जताते हुए खत भेजा। वहीं, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जायेगा, जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं। हम पार्टी का सिंबल किसी को नहीं लेने देंगे।

राज्य की भलाई करने के लिए पद होना जरूरी: अजित पवार

अजित पवार ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए शरद पवार को राजनीति में आगे न बढ़ने की सलाह दी। अजित ने कहा कि आप आप 83 साल के हो गए हैं। कभी रुकेंगे या नहीं? हम सरकार चला सकते हैं। हम में ताकत है फिर हमे मौका क्यों नहीं देते हैं? उन्होंने कहा कि मैं भी राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। राज्य की भलाई करने के लिए राज्य प्रमुख का पद होना जरूरी है। तभी मैं महाराष्ट्र के भले के बारे में सोच पाऊंगा।

वाईबी चह्वाण सेंटर में शरद पवार ने कहा कि जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया। अजित पवार गुट ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जो शिवसेना के साथ हुआ, वही एनसीपी के साथ हुआ। अजित पवार के मन में कुछ था तो मुझसे बात करनी चाहिए थी। सहमति नहीं हो तो बातचीत से हल निकालना चाहिए। शरद पवार ने कहा कि अजित की बात सुनकर अफसोस हुआ। गलती सुधारना हमारा काम है। आपने गलती की है तो सजा भुगतने को तैयार रहें।

अजित पवार गुट की मीटिंग में 30 विधायक और चार एमएलसी पहुंचे। इस बैठक में छगन भुजबल, हसन मुश्रिफ, नरहरि झिरवाल, दिलीप मोहिते, अनिल पाटिल, मानिक राव, दिलीप वाल्से पाटिल, अदिती तटकरे, धनंजय मुंडे, धर्मराव अत्राम, अन्ना बंसोड, नीलेश लंके, इंद्रनील नाइक, सुनील शेलके, दत्तात्रय भरणे, संजय बंसोड़, संग्राम जगताप शामिल रहे।

वहीं शरद पवार गुट की बैठक में13 विधायक और चार सांसद पहुंचे हैं। इनमें किरण लहामाटे, अशोक पवार, रोहित पवार, राजेंद्र शिंगणे, अनिल देशमुख, जितेंद्र आव्हाड, संदीप क्षीरसागर, जयंत पाटिल, बालासाहेब पाटिल, सुनील भुसारा, राजेश टोपे, चेतन टोपे और विधायक सुमन पाटिल की जगह उनके बेटे रोहित पाटिल शामिल हैं।

NCP (शरद पवार गुट) के नेता मेहबूब शेख ने कहा कि विधायकों को एक जगह रुकवाने की जरूरत क्यों पड़ी? शरद पवार साहब को मानने वाला हर कार्यकर्ता आज यहां खुद से आए हैं। उन्होंने (अजीत पवार) कहा था कि उनके पास 40 से अधिक विधायक है। मेरी अपील हैं (अजीत पवार से) की वे अपने विधायकों की फोटो हमें दिखाएं। अगर उनके पास विधायक हैं तो वे कहां हैं? हमारे कुल 53 विधायक हैं। जिन्होंने पवार साहब को धोखा दिया है उनको सबक सिखाया जाएगा।

एनसीपी (शरद गुट) विधायक रोहित पवार ने कहा कि जब हमने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और विधानसभा चुनाव लड़ा, तो पवार साहब 82 वर्ष के थे। हममें से अधिकांश लोग उनके कारण चुनकर आए थे। मुझे नहीं लगता कि उम्र ज्यादा मायने रखती है। जब शरद पवार लोगों के बीच जाएंगे तो पता चल जाएगा कि लोग किसके साथ हैं।

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हु्ड्डा ने कहा कि महाराष्ट्र की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा इस तरह से तंत्र का प्रयोग कर ऐसी कार्रवाई कर रही है,लेकिन हरियाणा में उल्टा हो रहा है। पिछले एक साल में 29 पूर्व विधायक भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हैं।

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