गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे के बाद मोरबी नगरपालिका के चीफ ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है। मोरबी हादसे में पहली बड़ी कार्रवाई हुई है। मोरबी नगरपालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह जाला को सस्पेंड किया गया है।
गौरतलब है कि गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर रविवार (30 अक्टूबर, 2022) को एक केबल ब्रिज टूटने से हुए हादसे में 135 लोगों की मौत हो गयी थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस हादसे में अब तक 175 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। बुधवार को हादसे की जांच मोरबी नगर पालिका तक पहुंची थी। पुलिस ने मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला से पूछताछ की थी।
संदीप सिंह जाला से हुई थी पूछताछ: सीओ जाला को मोरबी के पुलिस उपाधीक्षक पी ए जाला ने तलब किया था जो मामले के जांच अधिकारी हैं। इस दौरान संदीप सिंह जाला से चार घंटे तक पूछताछ की गई थी और पुल के ठेके से जुड़े दस्तावेज की पुष्टि करने को कहा गया। जांचकर्ताओं का कहना है कि ओरेवा ग्रुप द्वारा लगाए गए निजी ठेकेदारों ने इसकी मरम्मत और नवीनीकरण के दौरान पुल की संरचनात्मक स्थिरता का कोई वैज्ञानिक मूल्यांकन नहीं किया।
9 लोग गिरफ्तार: इस हादसे के बाद पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। लोकल कोर्ट ने नौ में से चार लोगों को 5 नवंबर 2022 तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया है, वहीं बाकी 5 को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जिन 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें ओरेवा कंपनी का मैनेजर दीपक भाई नवीनचंद्र भाई पारेख, मैनेजर नवीन भाई मनसुख भाई दवे, टिकट क्लर्क मनसुख भाई वालजी भाई टोपिया, टिकट क्लर्क मदनभाई लाखा भाई सोलंकी, ब्रिज रिपेयरिंग कॉन्ट्रेक्टर प्रकाशभाई लालजी भाई परमार और एक और कॉन्ट्रेक्टर देवांग भाई लालजी भाई परमार शामिल हैं। इसके अलावा तीन सिक्योरिटी गार्ड्स को भी अरेस्ट किया गया है।
वहीं, दूसरी ओर गुजरात सरकार ने मोरबी हादसे की जांच के लिए SIT का गठन किया है। पर अपनों को खोने वालों के परिवारों का मानना है कि सरकार ने उच्च पदों पर बैठे लोगों पर दोष लगाने के बजाय निचले स्तर के अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (1 नवंबर) को मोरबी में हादसे वाली जगह का मुआयना किया था। प्रधानमंत्री ने मोरबी के सिविल अस्पताल में घायलों से भी मुलाकात की थी और उन्हें आश्वाशन दिया था कि घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।