मुजफ्फरनगर के बहुचर्चित बड़कली मोड़ सामूहिक हत्याकांड में सोमवार को मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 16 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
बता दें कि 11 साल पहले बड़कली मोड़ हत्याकांड को अंजाम देते हुए तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के 8 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। विशेष पोक्सो एक्ट कोर्ट-2 के न्यायाधीश छोटेलाल यादव ने सुनवाई के बाद सभी सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर सभी 16 आरोपियों को दोषी ठहराया है। साथ ही सभी को उम्रकैद की सजा भी सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किरणपाल कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि 11 वर्ष पूर्व गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन उदयवीर सिंह समेत उनके परिवार की हत्या कर दी गई थी, जिसमे तीन बच्चे भी शामिल थे। इतना ही नहीं सामूहिक हत्याकांड को सड़क हादसा दिखा दिया गया था।
कश्यप ने बताया कि 11 जुलाई 2011 को उदयवीर सिंह अपने परिवार के साथ कार में सवार होकर अपने बधाई खुर्द गांव से मुजफ्फरनगर की तरफ जा रहे थे। इस बीच शहर कोतवाली क्षेत्र के बड़कली मोड़ पर विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक ने कार को सीधी टक्कर मार दी थी। इस केस में 9 जून को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी। वहीं, कोर्ट ने 20 जून को फैसले की तारीख घोषित की थी।
इन आरोपियों की पहले ही हो चुकी है मौत
घटना के बाद उस दौरान जेल में निरुद्ध विक्की त्यागी और उसकी पत्नी समेत 15 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा ब्रजवीर पुत्र श्यामवीर ने दर्ज कराया था। जबकि पांच आरोपियों के नाम पुलिस विवेचना में सामने आए थे। केस की सुनवाई के दौरान विक्की त्यागी और दो अन्य आरोपियों की मौत हो गई। जबकि एक आरोपी जुवेनाईल होने के चलते उसकी फाइल को पहले ही अलग कर दिया गया था। इस केस में मुख्य आरोपी मीनू त्यागी 19 अगस्त 2011 से ही जेल में बंद है।