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भीलवाड़ा में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या: परिजन बोले- ‘राजस्थान पुलिस की कार्रवाई नाकाफी, मांगा उम्र का सबूत’

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का वह स्थान जहां 2 अगस्त को 14 साल की लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार और हत्या के बाद उसके शव को जला देने की सनसनीखेज वारदात सामने आई थी वहां कदमों के निशान कई गुना बढ़ गए हैं। घटना के बाद से चार दिनों में, राजस्थान पुलिस, फोरेंसिक टीमें और गुस्साए हुए सैकड़ों स्थानीय लोग इस कोयला भट्ठी का दौरा कर चुके हैं। यहीं से नाबालिग लड़की की हड्डियां और आभूषण बरामद किए गए थे।

गमगीन परिजनों का सीधा आरोप- स्थानीय पुलिस ने वक्त पर कार्रवाई नहीं की

एक खुले मैदान में बने कोयले की भट्टी को हरे टेप से घेर दिया गया है। इस पर लिखा है “अपराध स्थल (Crime Sight) पार न करें।” कोयला भट्ठी के किनारे कालिख और जले हुए कोयले से काले हो गए थे। भट्ठी से करीब एक किलोमीटर दूर मृतका का घर है। वहां से जोर-जोर से रोने की आवाजें आ रही हैं। उसके माता-पिता गमगीन हैं। दोनों बार-बार रोने लगते हैं। परिवार में स्थानीय पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी गुस्सा है। उनका आरोप है कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की। अगर कार्रवाई की जाती तो नाबालिग लड़की की जान बचाई जा सकती थी। नहीं तो कम से कम लड़की की लाश की भी इतनी दुर्गति नहीं हो पाती।

राजनीति ने किया मामले को टेक ओवर, भाजपा और सत्तारुढ़ कांग्रेस आमने-सामने

इस घटना से राज्य और उसके बाहर बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया है। विपक्षी भाजपा के सदस्यों सहित तमाम प्रदर्शनकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं। भाजपा के सांसद ने पीड़िता के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आलोचना की। वहीं सीएम गहलोत ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नाबालिग लड़की के गमगीन चाचा ने कहा- समय पर होती पुलिस कार्रवाई तो …

नाबालिग लड़की के चाचा ग्राम पंचायत सदस्य हैं। उन्होंने रविवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर पुलिस ने उसके लापता होने के बारे में परिवार द्वारा शिकायत किए जाने पर तुरंत कार्रवाई की होती, तो “लड़की अब जीवित होती, या कम से कम अंतिम संस्कार के लिए हमें उसका शव मिल गया होता।” उन्होंने कहा कि लड़की हर दिन बकरियां चराने के लिए उस खेत में जाती थी, जहां खानाबदोशों ने कोयला भट्टियां बना रखी थीं।

मां के साथ खेत में बकरियां चराने गई थी नाबालिग लड़की, आरोपियों ने किया अगवा

उन्होंने कहा, ”घटना वाले दिन लड़की और उसकी मां खेत में बकरियां चराने गई थीं। दोपहर में उसकी मां पास में ही अपने माता-पिता के घर चली गई। जब वह वापस लौटी तो उसे बच्ची नहीं मिली और वह उसकी तलाश करने लगी। उसने खेत में रह रहे खानाबदोशों से पूछा, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। फिर वह इस उम्मीद में घर चली गई कि शायद उसकी बेटी वापस चली गई होगी।”

जब लड़की देर शाम तक भी घर नहीं लौटी तो परिवार चिंतित हो गया और चाचा ने लड़की के चचेरे भाई को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन भेजा। उस समय पुलिस की प्रतिक्रिया की अब परिवार और प्रदर्शनकारियों द्वारा भारी आलोचना हो रही है।

गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गए चचेरे भाई के साथ बुरा व्यवहार

मृतका के चचेरे भाई ने कहा, “2 अगस्त को जब वह देर शाम तक भी नहीं लौटी तो मैं गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गया। मैंने उसका आधार कार्ड और राशन कार्ड ले लिया था। हालाँकि, पुलिस ने हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बजाय उसकी उम्र, उसके स्कूल प्रमाणपत्र, मार्कशीट आदि का सबूत मांगा।” उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनसे यह जांचने के लिए कहा कि क्या वह रिश्तेदारों से मिलने गई थी। इसके अलावा सुबह वापस आने के लिए कहा।

खानाबदोशों की संदिग्ध हरकतों को देखकर चचेरे भाई ने कोयला भट्ठी में झांका तो उड़े होश

चचेरे भाई ने कहा कि वह लड़की की मां के आग्रह पर उसे खोजने के लिए खेत में वापस गया। उसने जाहिर तौर पर वहां खानाबदोशों की हरकतों को संदिग्ध पाया था। चचेरे भाई ने कहा, “आधी रात के बाद हमने देखा कि कोयला भट्टियों में से एक में आग जलाई गई थी, जो सुबह से काम नहीं कर रही थी। जब हमने वहां जाकर खानाबदोशों से बात की तो उन्होंने हमसे ठीक से बात नहीं की। फिर मैंने एक छड़ी ली और कुछ सामग्री भट्टी से बाहर खींच ली। मैं हड्डियाँ देख सकता था।” इसके बाद स्तब्ध और भयभीत चचेरे भाई ने चाचा को फोन किया।

कोयला भट्ठी से मिली लड़की चूड़ियां, लोगों के साथ पहुंचे चाचा खानाबदोशों से भिड़े

लड़की के चाचा ने कहा, “पहले तो मुझे उस पर विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि ऐसी घटना भी हो सकती है। जब मैंने उससे यह देखने के लिए कहा कि भट्ठी में और क्या है, तो उसे लड़की की चूड़ियाँ मिलीं।” इसके बाद चाचा कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे। वहां खानाबदोशों को पकड़ लिया और उनके साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि खानाबदोशों ने तब उन्हें बताया कि जिन दो लोगों ने अपराध किया था वे भाग गए हैं।

चचेरे भाई ने बताया- लड़की का शव जलाते वक्त कोयला भट्ठी के पास थी चार महिलाएं

चाचा ने कहा, “बाद में हमने पीछा किया और उनमें से एक को पकड़ लिया। पुलिस लगभग 1 बजे पहुंची। हमें पहले ही पता चल गया था कि अपराध किसने किया है और हड्डियाँ और आभूषण भी बरामद कर लिए हैं।” चचेरे भाई ने बताया कि जब लड़की का शव जलाया जा रहा था तो कोयला भट्ठी के पास चार महिलाएं भी बैठी नजर आ रही थीं।

अजमेर रेंज आईजी लता मनोज कुमार ने दी पुलिस कार्रवाई की जानकारी

अजमेर रेंज आईजी लता मनोज कुमार ने बताया कि दोनों आरोपियों की पत्नियों को भी हिरासत में लिया गया है और इनमें से एक पत्नी नाबालिग है। अजमेर रेंज आईजी ने कहा, “मामले में पहली बार पुलिस स्टेशन को सूचना दिए जाने वक्त ड्यूटी अधिकारी सहायक उप निरीक्षक (ASI) की लापरवाही पाए जाने के बाद निलंबित कर दिया गया है। आईजी ने मीडिया से कहा, ”एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) की पर्यवेक्षी लापरवाही देखने के बाद, मैंने उसे निलंबित करने का भी आदेश दिया है।”

पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन, धरना पर बैठे बीजेपी और गुर्जर समुदाय के नेता विजय बैंसला

बीजेपी और गुर्जर समुदाय के नेता विजय बैंसला समेत स्थानीय निवासियों ने पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। रविवार देर रात, भीलवाड़ा कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा 15 दिनों के भीतर मामले में चालान (चार्जशीट) दाखिल करने की प्रतिबद्धता के बाद प्रदर्शनकारी धरना खत्म करने पर सहमत हुए थे। लड़की के चाचा के मुताबिक, परिवार “एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी और आरोपियों के लिए मौत की सजा” की मांग कर रहा है।

भारतीय जनता पार्टी की चार महिला सांसदों की समिति पीड़ित परिवार से मिलने भीलवाड़ा पहुंची

घटना की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित भाजपा सांसदों की चार सदस्यीय समिति रविवार को भीलवाड़ा पहुंची और पीड़ित के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। ये चार महिला सांसद हैं सरोज पांडे, रेखा वर्मा, कांता कर्दम और लॉकेट चटर्जी। सरोज पांडे ने कहा, “राज्य सरकार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। सरकार न तो लड़की के परिवार से मिली है और न ही मुआवजा दिया है। यह सहानुभूतिहीन होने की पराकाष्ठा है। पूरे प्रशासन की लापरवाही है।”

मृतका की लाश जलाने में आरोपियों की मदद कर रही थी चार महिलाएं, दो गिरफ्तार

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया है और उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act ) के तहत भी मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के दो आरोपियों की पत्नियों सहित चार महिलाओं ने मृतका के शव को कोयला भट्टी में जलाने में मदद की थी।

कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा- प्रदर्शनकारियों की प्राथमिक मांगें पूरी हुई, बाकी कार्रवाई जल्द

कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी और न्याय प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा, “(प्रदर्शनकारियों की) प्राथमिक मांग आरोपियों को पकड़ने की थी। अधिकांश आरोपियों को पकड़ लिया गया है। जांच को तेजी से पूरा करने की मांग भी पूरी की गई है और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। तो, प्राथमिक मांगें पूरी हो गई हैं। अब, मुआवजे के संबंध में नियमों और प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए, वह भी जल्द ही किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर की आरोपियों की गिरफ्तारी की घोषणा

सोशल मीडिया पर यह घोषणा करते हुए कि इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि त्वरित कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों को “कड़ी सजा” दी जाएगी। गहलोत ने अपने पोस्ट में कहा, “राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां ऐसी कोई भी घटना होने पर त्वरित कार्रवाई की जाती है और इसने अपराधियों को गिरफ्तार करने में एक रिकॉर्ड बनाया है। भविष्य में भी, पुलिस निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करती रहेगी।

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