मणिपुर में हालात अभी भी तनावपूर्ण है। 3 मई को शुरू हुई हिंसा लगातार जारी है। इस ही बीच मणिपुर ट्राइबल फोरम द्वारा दायर एक याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। इस याचिका में मणिपुर ट्राइबल फोरम ने मांग की थी कि कुकी जनजाति की सुरक्षा भारतीय सेना द्वारा की जाए। जैसा कि समाचार एजेंसी एएनआई ने रिपोर्ट किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 3 जुलाई का दिन तय किया है। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा है। केंद्र सरकार का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां हालात को काबू करने के लिए काम कर रही हैं।
कोर्ट में क्या हुआ?
मणिपुर ट्राइबल फोरम की ओर से अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने मामले को कोर्ट के सामने रख तत्काल सुनवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि हिंसा रोकने के लिए सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के बावजूद 70 आदिवासी मारे गए। अगर अदालत ने मामले की तत्काल सुनवाई नहीं की तो और आदिवासी मारे जाएंगे।
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां ज़मीन पर हैं। इससे पहले भी इस तरह की याचिका सामने आई थी, कोर्ट ने गर्मियों की छुट्टी के बाद सुनने के लिए कहा था, इसे तब ही सुना जाए।
इसपर अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने जवाब देते हुए कहा-ऐसे आश्वासन पहले भी दिए गए हैं। इसके बाद 70 आदिवासी मारे जा चुके हैं, हम सेना के ज़रिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, मामला 17 जुलाई को लिस्ट किया गया है, तब तक 50 और आदिवासी मारे जाएंगे।
कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह से कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला है। मामला 3 जुलाई के लिए लिस्ट किया गया।
शांति बनाए रखने की अपील : मुख्यमंत्री बीरेन सिंह
मणिपुर में हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। एएनआई के हवाले से पत्रकारों से बात करते हुए एन बीरेन सिंह ने कहा कि मैं उन लोगों से अपील करता हूं जो हथियारों के साथ हैं, वे किसी भी चीज पर हमला न करें। कृपया शांति बनाए रखें ताकि हम राज्य में सामान्य स्थिति बहाल कर सकें।
इससे पहले सोमवार को सीएम एन बीरेन सिंह ने राज्य में कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और कहा कि राज्य सरकार जल्द ही अस्थायी रूप से लोगों को बसाने के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण करने जा रही है. मणिपुर के सीएम ने कहा, “मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया है और बेघर लोगों को फिरसे बसाने के लिए काम कर रहे हैं”।
भारतीय सेना इंफाल घाटी में हिंसा प्रभावित इलाके में फ्लैग मार्च कर रही है। पिछले हफ्ते बुधवार को उपद्रवियों ने इंफाल पश्चिम में मणिपुर के मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास को आग के हवाले कर दिया गया था। अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में मेइती को शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी।