तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण धराशायी हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ता रही जा रह है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अब तक दोनों देशों में 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है। हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी काम में लगे हुए हैं। भारत—अमरीका सहित कई देश राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए टीम भेजे है।
राहत और बचाव कार्य में 60,217 कर्मचारी तैनात
तुर्की के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि कहारमनमाराश इलाके में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक भूकंप के कुल 435 झटके दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मचारी और 4,746 वाहन और निर्माण उपकरण तैनात किए जा चुके हैं।
भूकंप से भारी नुकसान
तुर्की में आए भूकंप के बाद दुनिया के देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है कुल 70 देशों की टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए तुर्की पहुंच चुकी हैं। भूकंप के चलते भारी नुकसान हुआ है। कई बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह गिर गईं हैं।
भारत ने खोज और बचाव के लिए भेजी ये सामग्री
भारत से एनडीआरएफ की खोज और बचाव के काम में एक्सपर्ट टीमें तुर्की भेजी गई हैं। उनके साथ उपकरण, वाहन और डॉग स्क्वॉड और 100 से अधिक सैन्यकर्मी शामिल हैं। भारत ने तुर्की के साथ साथ भूकंप पीड़ित सीरिया को भी C130J विमान के जरिए राहत सामग्री भेजी है। इसमें 6 टन से अधिक राहत सामग्री जिसमें 3 ट्रक सामान्य और सुरक्षात्मक गियर, आपातकालीन उपयोग की दवाएं, सीरिंज और ईसीजी मशीन, मॉनिटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्री और उपकरण शामिल हैं।
3,80,000 लोगों ने ली सरकारी आश्रय स्थलों में शरण
तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकते ने कहा कि सोमवार को देश में आए भूकंप के बाद तुर्की में कम से कम 5,894 लोग मारे गए हैं और 34,810 अन्य घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि अकेले तुर्की में ही इमारतों के मलबे से 8,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है और करीब 3,80,000 लोगों ने सरकारी आश्रय स्थलों या होटलों में शरण ली है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया में कम से कम 1,832 लोग मारे गए हैं और 3,849 अन्य घायल हुए हैं।