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22 साल के झारखंड में 11वीं बार अधूरा होगा CM का कार्यकाल, सिर्फ रघुवर चले पांच साल

झारखंड राज्य बने 22 साल हो चुके हैं. इसी अवधि में यहां 12 बार मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली, लेकिन सिर्फ रघुवर दास ही ऐसे CM हुए, जिन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. वहीं 10 मुख्यमंत्रियों को अलग अलग कारणों की वजह से बीच में ही इस्तीफा देना पड़ा है. अब यदि मौजूदा CM हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता निरस्त होने की दशा में 11 वीं बार किसी CM को कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देना होगा.

बता दें कि झारखंड में एक बार फिर CM हेमंत सोरेन का सियासी भविष्य खतरे में है. माना जा रहा है कि वह आज ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसा होने पर झारखंड के 22 सालों के इतिहास में 11वीं बार ऐसा होगा जब कोई CM अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है. इन 22 सालों में केवल रघुवर दास इकलौते CM रहे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है. रघुवर दास बीजेपी की सरकार में झारखंड के CM थे.

बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले CM

15 नवंबर 2000 को झारखंड का गठन हुआ था. उस समय यहां BJP की सरकार बनी और बाबूलाल मरांडी को पहले CM का ताज मिला था. हालांकि वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. पार्टी के अंदर आंतरिक गतिरोध की वजह से बीच कार्यकाल में ही पद छोड़ना पड़ा. फिर 18 मार्च 2003 को बीजेपी ने राज्य की कमान अर्जुन मुंडा को सौंपी. साल 2005 में यहां विधानसभा चुनाव हुआ, लेकिन इस बार बीजेपी को बहुमत नहीं मिला.

सोरेन बने तीसरे CM

2005 में BJP को बहुमत नहीं मिलने की दशा में यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन पहली बार और राज्य के तीसरे सीएम बने. हालांकि वह भी बहुमत साबित नहीं कर पाए. ऐसे में बीजेपी से अर्जुन मुंडा को दूसरी बार CM बनाया गया. वह करीब डेढ़ साल तक राज्य के CM बने रहे. 18 सितंबर 2006 को मधु कोडा झारखंड के पहली बार सीएम बने. हालांकि उन्हें भी बीच कार्यकाल में ही इस्तीफा देना पड़ा. 28 अगस्त 2008 शिबू सोरेन दूसरी बार राज्य के सीएम बने. लेकिन छह महीने से पहले ही उनकी सरकार गिर गई.

2009 में लगा राष्ट्रपति शासन

शिबू सोरेन की सरकार गिरने के बाद 19 जनवरी 2009 को झारखंड में पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. 2009 में झारखंड में विधानसभा चुनाव भी हुआ, लेकिन एक बार फिर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिली. हालांकि 30 दिसंबर को एक बार फिर शिबू सोरेन ने राज्य की बागडोर संभाली. इस बार भी वह मुश्किल से छह माह पद पर रह सके और 31 मई को इस्तीफा दे दिया. ऐसे में एक जून 2010 को दोबारा से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ.

सिर्फ रघुवर ने पूरा किया कार्यकाल

10 सितंबर 2010 को बीजेपी के अर्जुन मुंडा फिर से राज्य के CM बने और झारखंड में राष्ट्रपति शासन खत्म हुआ. लेकिन तीन साल बाद 18 जनवरी 2013 को फिर से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा. 13 जुलाई 2013 को राष्ट्रपति शासन खत्म होने पर हेमंत सोरेन पहली बार राज्य की कमान मिली. इस बार उनका कार्यकाल 23 दिसंबर तक रहा. इसके बाद यहां विधानसभा चुनाव हुए और इस बार BJP ने बहुमत हासिल कर रघुवर दास के नेतृत्व में पांच साल तक राज किया.

रघुवर दास 28 दिसंबर 2014 से 28 दिसंबर 2019 तक CM रहे. फिर 2019 में विधानसभा चुनाव हुए तो इस बार बीजेपी सत्ता से दूर हो गई. फिर झामुमो, राजद और कांग्रेस गठबंधन का नेतृत्व करते हुए 29 दिसंबर 2019 में यहां हेमंत सोरेन CM बने. अब एक बार फिर राज्य सियासी संकट के दौर से गुजर रहा है. माना जा रहा है कि झारखंड को एक बार फिर CM के रूप में नया चेहरा मिलने वाला है

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