जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदाको एक सार्वजनिक कार्यक्रम से सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन पर स्मॉक बम फेंका गया था। वहां किशिदा भाषण देने वाले थे। स्थानीय मीडिया ने बताया कि वाकायामा में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। सरकारी मीडिया एनएचके ने बताया कि कथित तौर पर बम फेंकने वाले संदिग्ध को पकड़ लिया गया है। एनएचके ने बताया कि किशिदा स्थानीय चुनाव में अपनी सत्तारूढ़ पार्टी के एक उम्मीदवार का उत्साहवर्धन करने के लिए वाकायामा के साईकजाकी बंदरगाह पहुंचे थे। प्रधानमंत्री अपना भाषण शुरू करने ही वाले थे कि वहां ब्लास्ट हो गया। चैनल ने बताया कि किशिदा को कोई चोट नहीं आई है और उन्हें वाकायामा प्रांत के पुलिस मुख्यालय ले जाया गया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक एक चश्मदीद ने बताया कि उन्होंने एक व्यक्ति को कुछ फेंकते हुए देखा, जिसके बाद धुआं निकल रहा था, जबकि दूसरे ने कहा कि उन्होंने एक बड़ा धमाका सुना। किसी के घायल होने की सूचना नहीं थी। वीडियो में अधिकारियों को एक व्यक्ति के ऊपर ढेर लगाते हुए दिखाया गया है, जिसे संदिग्ध माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन अभी तक आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
अचानक ब्लास्ट की तेज आवाज आई, लोग भागे- चश्मदीद
एनएचके के मुताबिक एक संदिग्ध को घटनास्थल पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। चैनल पर प्रसारित वीडियो फुटेज में पकड़े गए व्यक्ति के आसपास वर्दी और सादे कपड़े पहने कई पुलिस अधिकारी नजर आ रहे हैं। एनएचके ने बताया कि संदिग्ध कोई युवा पुरुष है और उसने कथित तौर पर बम फेंका था। एक चश्मदीद ने एनएचके को बताया कि वह भीड़ में शामिल थी, तभी उसने पीछे से हवा में कुछ आते हुए देखा और अचानक ब्लास्ट की तेज आवाज आई, जिसके बाद वह अपने बच्चों के साथ भाग गई। एक अन्य चश्मदीद ने कहा कि लोग चिल्ला रहे थे और उसने ब्लास्ट से ठीक पहले एक व्यक्ति को पकड़े जाते देखा।
इस हमले ने शिंजो आबे हत्या की यादें कर दीं ताजा
इस घटना ने नौ महीने पहले किशिदा के पूर्ववर्ती शिंजो आबे की पश्चिमी शहर नारा में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान हुई हत्या की यादें ताजा कर दी हैं। आबे की हत्या ने देश को स्तब्ध कर दिया था। घटना की जांच में उनकी सुरक्षा में चूक का पता चला था। इसके बाद, जापान में पुलिस सुरक्षा उपायों में बदलाव किया गया था। आबे की हत्या में हमलावर ने कथित तौर पर देसी बंदूक से गोली चलाई थी। हमलावर तेत्सुया यामागामी पर हत्या और बंदूक नियंत्रण कानून के उल्लंघन समेत कई अन्य आरोप लगाए गए हैं। आबे के कथित हत्यारे ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने जापान के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक आबे की हत्या इसलिए की थी, क्योंकि उनके एक धार्मिक समूह से संबंध थे, जिससे वह नफरत करता था।
जन सुरक्षा और कड़े बंदूक कानून के लिए पहचाने जाने वाले जापान में शिंजो आबे की हत्या के बाद टॉप स्थानीय और राष्ट्रीय पुलिस अधिकारियों ने इस्तीफे दे दिया था। साथ ही नेताओं और अन्य प्रतिष्ठित लोगों की सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश कड़े किए गए थे। फिर भी यह हमला हुआ, चिंता का विषय है। शनिवार को यह हमला तब हुआ, जब देशभर में स्थानीय चुनाव होने वाले हैं।