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लैंडस्लाइड से 71 की मौत, 700 सड़कें ब्लॉक, स्कूल-होटल जमींदोज… हिमाचल CM बोले- उबरने में लगेगा एक साल

हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण पिछले तीन दिनों में कम से कम 71 लोगों की जान जा चुकी है और 13 लोग अभी भी लापता हैं। हालांकि, अधिकांश हिस्सों में बारिश कम हो गई है, लेकिन कई जगहों पर अब भी लैंडस्लाइड हो रही है। लैंडस्लाइड की वजह से तीन नेशनल हाइवे सहित लगभग 700 सड़कें ब्लॉक हो गई हैं और बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा कि पोंग बांध के पास कांगड़ा के निचले इलाकों से 800 से ज्यादा लोगों को निकाला गया, क्योंकि बांध में जलस्तर बढ़ गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, राज्य में भारी बारिश और लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 71 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन और बाढ़ के कारण ढही इमारतों के मलबे से बुधवार को और शव निकाले जाने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ गई।

हिमाचल में पिछले तीन दिनों में 71 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण शिमला के समर हिल, कृष्णा नगर और फागली इलाकों में भूस्खलन हुए थे। प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि पिछले तीन दिनों में कम से कम 71 लोगों की मौत हो चुकी है और 13 अभी भी लापता हैं। रविवार रात से अब तक 57 शव बरामद किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के काम को ‘पहाड़ जैसी चुनौती’ करार दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि उनके राज्य को इस मानसून में भारी बारिश के कारण बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में एक साल लगेगा और दावा किया कि लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण ‘पहाड़ जैसी चुनौती’- सुखविंदर सिंह सुक्खू

हिमाचल में हुई तबाही के लिए दोषपूर्ण संरचनात्मक डिजाइन, अंधाधुंध निर्माण कार्य और माइग्रेंट आर्किटेक्ट्स को दोषी ठहराते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भविष्य में सख्त निर्माण नियमों का संकेत दिया। सीएम ने यह भी कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सड़कों को चौड़ा करने के बजाय ज्यादा सुरंग बनाने की जरूरत है और इसके इंजीनियरों को पहाड़ों को अधिक वैज्ञानिक तरीके से काटने की जरूरत है।

सीएम ने कहा कि हमें इस नुकसान से उबरने में एक साल लगेगा। चार साल के अंदर हिमाचल आत्मनिर्भर बनेगा और अगले 10 सालों के भीतर यह देश का नंबर एक राज्य बन जाएगा। बारिश से हुई तबाही पर पर उन्होंने कहा, “लोग वैज्ञानिक तरीकों के बिना घर बनाते हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। लोग बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे वे नाजुक हो रही हैं

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