महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल और अब लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट के बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है। रेलवे में लैंड फॉर जॉब स्कैम में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने तीनों के खिलाफ सोमवार को चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद से भारतीय जनता पार्टी राजद और जदयू पर लगातार हमला बोल रही है। इस बीच भाजपा नेता अजय आलोक ने बड़ा दावा किया है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि अगले 10 से 15 दिन में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
उन्होंने कहा, 13 तारीख को रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को कोर्ट के सामने पेश होना है। इस दौरान सीबीआई तीनों की कस्टडी की मांग करेगी, अगर कोर्ट कस्टडी देता है तो नीतीश कुमार इस्तीफा दे देंगे। नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के सबसे बड़े संरक्षक अजय आलोक ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा, नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के सबसे बड़े संरक्षक बन चुके हैं। जो ‘CCC यानी क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म ‘ कहते थे आज क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म की गोद में बैठकर झूला झूल रहे हैं।
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार की कैबिनेट में ऊपर से नीचे तक क्रिमिनल मंत्री बने हुए हैं। करप्शन की बात करें तो सजायाफ्ता लालू यादव से नीतीश कुमार अपनी जीवनी का विमोचन कराते हैं। वहीं दिनभर टोपी लगाकर 150 जगह इफ्तार करते हैं और कम्युनलिज्म की बात करते हैं। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ‘सीसीसी’ के सिरमौर बन चुके हैं।भ्रष्टाचार की गारंटी उनकी, तो कार्रवाई की मोदी जी की भाजपा नेता ने कहा, पहले लालू परिवार छाती ठोक-ठोककर बोलता था कि सीबीआई चार्जशीट क्यों नहीं दाखिल कर रही है। अब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
उनहोंने कहा, भ्रष्टाचार की गारंटी इन लोगों की है तो कार्रवाई की गारंटी मोदी जी की है। उन्होंने आगे कहा, नीतीश कुमार का बिहार में एक घंटा रहना बिहार को एक महीने पीछे ले जा रहा है।नाक रगड़ेंगे नीतीश फिर भी… वहीं महाराष्ट्र में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में भी जदयू के कई नेता भाजपा सरकार में वापस आ सकते हैं। यह दावा कई भाजपा नेताओं की ओर से भी किया गया है। अटकलें यह भी हैं कि नीतीश कुमार की भी एनडीए में वापसी हो सकती है। इस पर बिहार भाजपा के बड़े नेता सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार नाक भी रगड़ेंगे तो भी भाजपा उन्हें स्वीकार नहीं